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लोकसभा में कब- कब चुनकर आए सबसे ज्यादा मुस्लिम सांसद? जानिये पूरी लिस्ट!

लखनऊ। 18 वीं लोकसभा चुनाव में जहां एक तरफ एनडीए को 293 सीटें मिली तो वहीं इंड‍िया गठबंधन ने 233 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। मुस्लिम प्रत्याशियों की बात करें तो इस बार अलग अलग पार्टियों ने कुल 78 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। जिनमें से 24 मुस्लिम उम्मीदवार जीत हासिल कर संसद पहुंचने में कामयाब रहें। खास बात ये है कि 24 में से 21 सांसद इंडिया गठबंधन के दलों से है यानी एनडीए की तरफ से केवल 3 मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। इंडिया गठबंधन के अलग अलग दलों में से भी सबसे ज्यादा यानी कुल 9 मुस्लिम उम्मीदवार कांग्रेस से है।
इस बार संसद पहुंचने वाले बड़े मुस्लिम चेहरे में क्रिकेटर से नेता बने युसूफ पठान का नाम शामिल है। वह पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से टीएमसी की तरफ से मैदान थे और उन्होंने कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी को हराया। इस लिस्ट में दूसरा नाम है इमरान मसूद कांग्रेस की तरफ से यूपी से सहारनपुर सीट पर प्रत्याशी थे। उन्होंने 64,542 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है। वही इकरा चौधरी ने कैराना में समाजवादी पार्टी की तरफ से जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के प्रदीप कुमार को 69,116 वोटों के अंतर से हराया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी हैदराबाद सीट से जीत हासिल की। इस सीट पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नेता माधवी लता को 3,38,087 वोटों के बड़े अंतर से हराया। इस चुनाव में एक निर्दलीय मुस्लिम उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की है। मोहम्मद हनीफा ने लद्दाख में कांग्रेस के जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल को हराया है।
कांग्रेस पार्टी से 7 मुस्लिम उम्मीदवारों ने चुनाव जीतकर संसद में अपनी जगह बनाई है। इसके बाद समाजवादी पार्टी के 4, टीएमसी के 5, आईयूएमएल के 3, नेशनल कॉन्फ्रेंस के दो और 2 निर्दलीय मुस्लिम उम्मीदवार जीतकर संसद पहुंचे हैं। कांग्रेस पार्टी से असम के धुबरी लोकसभा सीट से रकीबुल हुसैन, बिहार के किशनगंज सीट से मोहम्मद जावेद, कटिहार लोकसभा सीट से तारिक अनवर, वडकारा लोकसभा सीट से शफी परंबिल, सहारनपुर सीट से इमरान मसूद, मालदहा दक्षिण से ईशा खान चौधरी और लक्षद्वीप से मुहम्मद हम्दुल्लाह सईद मुस्लिम सांसद हैं। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी से संसद तक पहुंचने वाले मुस्लिम सांसदों की लिस्ट में कैराना लोकसभा सीट से इकरा चौधरी, रामपुर से मोहिबुल्लाह, संभल से जिया उर रहमान, गाजीपुर से अफजाल अंसारी का नाम शामिल है। वहीं टीएमसी से जंगीपुर लोकसभा सीट से खलीलुर रहमान, बहरामपुर सीट से पठान युसुफ, मुर्शिदाबाद सीट से अबू ताहेर खान, बसीरहाटए सीट से सके नूरुल इस्लाम और उलुबेरिया सीट से सजदा अहमद सांसद हैं।
इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे के अनुसार संसद के कुल सदस्यों की संख्या में मुसलमानों की हिस्सेदारी 4.42% है। हालांकि ये संख्या अब तक की दूसरी सबसे कम हिस्सेदारी है। संसद में सबसे ज्यादा मुस्लिम सांसद होने का रिकॉर्ड साल 1980 के लोकसभा चुनाव ने बनाया था. उस चुनाव में 49 मुस्लिम सांसद (सदन का 9.04%) थे और 1984 में 45 मुस्लिम सांसद (सदन का 8.3%) थे। हालांकि इसके बाद कभी भी सदन मुसलमानों की संख्या 40 से अधिक नहीं हो पाई।
चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों ने 115 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. लेकिन इनमें से केवल 26 मुस्लिम उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। मैदान में उतरे उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी बीएसपी ने उतारे थे। उस चुनाव में बसपा से 39 और कांग्रेस की तरफ 34 मुस्लिम उम्मीदवारों का उतारा गया था। हालांकि बसपा के 39 में से केवल 3 और कांग्रेस के 34 में से केवल 4 प्रत्याशियों ने ही जीत हासिल की थी। इस दोनों पार्टियों के बाद टीएमसी ने 13 और सपा ने 8 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। जिनमें से टीएमसी से 4 और सपा से 3 मुस्लिम उम्मीदवार संसद पहुंचने में कामयाब हुए थे। वहीं बीजेपी की बात की जाए तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 3 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था और इनमें से कोई भी संसद पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाया था।

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