जिला परिवहन कार्यालय की कहानी, चंबल के डकैतों से भी ज्यादा लूटते हैं यहां दलाल
जीरो टारलेंस को लग रहा पलीता, 2027 पर पड़ेगा असर, ऐसे ही बदनाम होगी भाजपा?

देवेंद्र ठाकुर
सुलतानपुर। लगभग सभी विभागों में शासन द्वारा सारी प्रक्रिया ऑनलाइन के माध्यम से स्वीकार की जा रही है ताकि पारदर्शिता रहे |लेकिन शासन पारदर्शिता लाने के लिए चाहे कितने भी प्रयास कर ले लेकिन परिवहन विभाग मे दलाल इन सारे नियमों को धता बताकर, नियमों में उलझाकर , कोई भी प्रक्रिया को उनके बिना पूरी नहीं मानी जा सकती है और इसके लिए दलाल मनमानी फीस तक वसूल कर आमजन को ठग रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा अमहट स्थित जिला परिवहन कार्यालय में आए दिन देखने को मिलता है ,जहां एक और सारी प्रक्रिया ऑनलाइन प्रारंभ हो चुकी है वहीं दूसरी ओर इस कार्यालय में दलालों की सक्रियता बढ़ती जा रही है और इस सक्रियता से हर कार्य की फीस 3 से 5 गुना हो गई है और क्या कारण है कि विभाग भी इस कार्य में बखूबी इन दलालों का साथ दे रहा हैं ,क्योंकि जिला परिवहन कार्यालय में शासन को ऑनलाइन प्रक्रिया को धता बताकर इस प्रक्रिया का फायदा उठाकर आज भी दलाली प्रथा को परिवहन कार्यालय द्वारा मजबूत किया जा रहा है ड्राइविंग लाइसेंस चाहे दो पहिया ,तीन पहिया या चार पहिया वाहन लाइसेंस ,परमिट ,वाहन रजिस्ट्रेशन, नाम ट्रांसफर, बस फिटनेस आदि कोई भी कार्य हो विभाग के अधिकारी सारी प्रक्रिया ऑनलाइन आवेदन के बाद दलाली प्रथा से ही स्वीकार करते हैं, यह वही दलाल है जो सारे कागजी खानापूर्ति कर फिर विभाग के अधिकारी कर्मचारी से जोड़ तोड़ कर आवेदक से भारी राशि वसूल करते हैं कोई भी वाहन परमिट हो ,बस फिटनेस हो, रजिस्ट्रेशन हो, लाइसेंस आदि कोई भी कार्य दलाल के माध्यम से स्वीकार किए जाते है इस विभाग में हर दलाल अपने कागजों को लेकर स्वयं अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होता है जो भी खानापूर्ति में कमी पाई जाती है वह आपसी तालमेल के द्वारा पूर्ति कर फाइल विभाग के बाबू को सौंप दी जाती है विभाग और दलाल की आपसी समझ या लेनदेन से हर कार्य पूर्ण कर लिया जाता है । सूत्रों से यह भी पता चला है कि सारे कार्य का रेट तय है सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर और यदि कागजी खानापूर्ति में कोई कमी पाई जाती है तो रेट बदल जाते हैं, नाम न बताने की शर्तों पर कुछ आवेदकों ने यह भी बताया कि इस विभाग में लाइसेंस और अन्य कोई भी परिवहन संबंधी कार्य सीधे तौर पर नहीं लिए जाते है यहां सभी कार्य दलाली प्रथा से ही स्वीकार किए जाते हैं और यह दलाल आमजन से मनमानी राशि वसूल करते हैं ।
नवागत एआरटीओ मैडम के सांठगांठ के चलते कुछ दलालो के फिर बहुर रहे दिन
परिवहन विभाग में आरटीओ अल्का शुक्ला के पदस्थ हुए कुछ दिन हुए है,उसके बाद से तो मानो कुछ नामचीन दलालो के दिन ही फिर गए है यह दलाल एआरटीओ साहब के साथ या तो पीए बनकर या फिर ड्राइवर बनकर एजेंट का कार्य करता है दो पहिया ,चार पहिया लाइसेंस ,बस फिटनेस आदि की शासकीय राशि शुल्क के तीन गुना से चार गुना राशि लेकर यह एजेंट कार्य करता है परिवहन विभाग से संबंधित कोई भी कार्य बिना इस एजेंट के पूरा नहीं हो सकता |



