गोरखपुर के वनटांगिया गांवों का सीएम योगी ने किया कायाकल्प, सरकारी योजनाओं से बदला जीवन

गोरखपुर के घने जंगल में बसे गांव जो कभी सरकारी अभिलेखों में पहचान के लिए मोहताज थे, आज शासन की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने की कतार में सबसे आगे हैं. पिछले आठ सालों में सीएम योगी की सरकार में यहां तेजी से बदलाव आया है. यहां के लोगों को कभी वनटांगिया के नाम से जाना जाता था लेकिन अब इनकी पहचान सीएम योगी के दुलारे जन की हो गई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन से जंगलों में रहने वाले इन लोगों के जीवन का कायाकल्प हो चुका है. मुख्यमंत्री ख़ुद हर साल दीपावली की खुशियां बांटते हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही तिकोनिया नम्बर तीन समेत सभी वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया था.
जंगलों के गांव राजस्व गांव घोषित
राजस्व गांव घोषित होने के बाद यहां शासन की योजनाओं की बौछार होने लगी. आवास, शौचालय, बिजली, पेयजल, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, राशन कार्ड, पेंशन, आयुष्मान कार्ड से वनटांगियों को काफी सुविधाएं और सहूलियत मिली. इस गांव में मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 440 परिवारों को पक्का मकान देने का लक्ष्य रखा गया और यह लक्ष्य शत प्रतिशत पूर्ण है.
गांव में तकरीबन सभी घरों को पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. यह गांव विद्युतीकरण से संतृप्त है और पूरे गांव में खड़ंजा/ इंटरलॉकिंग से आंतरिक आवागमन सहज हो गया है. जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में शिक्षा का उजास फैलाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद एक अस्थायी, गोरक्षनाथ विद्यापीठ की स्थापना कराई थी.
सरकार की सारी योजनाओं का लाभ
इन गांवों में एक जूनियर हाईस्कूल (कम्पोजिट विद्यालय) शुरू कर बच्चों को कॉन्वेंट सरीखे शिक्षा से जोड़ दिया है. यहां एक आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है. यहां के लोगों को उज्ज्वला योजना, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, कन्या सुमंगला योजना के लाभ प्राप्त हो रहे है. इन योजनाओं की उपलब्धि यहां लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत है.
गांव में 1501 लोग पांच लाख रुपये तक निशुल्क चिकित्सा कवरेज देने वाले आयुष्मान योजना से आच्छादित हो चुके हैं. जबकि 53 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं. शेष किसानों को भी इस योजना से जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है.
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