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‘सबको आने देंगे तो धर्मशाला बन जाएगा देश’, विपक्ष पर बरसे अमित शाह, मुस्लिम आबादी को लेकर कह दी बड़ी बात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (10 अक्तूबर 2025) को शरणार्थियों और घुसपैठिए के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1951 से लेकर 2014 तक जो गलतियां हुई थीं, उनका एक प्रकार से तर्पण करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. उन्होंने कहा कि देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू ने शरणार्थियों को नागरिकता देने का वादा किया था, जिससे वे मुकर गए थे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि देश में मुसलमान की आबादी बढ़ने का कारण प्रजनन दर नहीं, बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से होने वाला घुसपैठ है. उन्होंने लिखा, आजादी के बाद पाकिस्तान में हिंदू 13 फीसदी और अन्य अल्पसंख्यक 1.2 फीसदी थे. अब वहां हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक केवल 1.73 फीसदी रह गए हैं. बांग्लादेश में हिंदू 22 फीसदी थे, अब मात्र 7.9 फीसदी रह गए हैं.

‘मुसलमानों ने घुसपैठ की इसलिए बढ़ी आबादी’

उन्होंने कहा, “ये सभी हिंदू जो वहां कम हुए, वे धर्मांतरण नहीं हुए, उनमें से बहुतों ने प्रताड़ना के कारण भारत में शरण ली. भारत में जो मुसलमानों की संख्या बढ़ी, उसका कारण यह है कि बहुत से मुसलमानों ने घुसपैठ की. आजादी के बाद भारत के नेताओं ने पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों से वादा किया था कि अभी दंगे हो रहे हैं, इसलिए अभी मत आओ बाद में हम आपको नागरिकता देंगे. यह नेहरू-लियाकत पैक्ट का हिस्सा था, लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने उन्हें नागरिकता नहीं दी, उन्हें शरणार्थी बना दिया. जब पीएम मोदी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी, तब हमने उन्हें नागरिकता दी.”

पाकिस्तान–बांग्लादेश के हिंदुओं पर बोले अमित शाह

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “घुसपैठिये कौन हैं? जिन पर धार्मिक प्रताड़ना नहीं हुई और आर्थिक कारणों या अन्य कारणों से अवैध तरीके से भारत आना चाहते हैं, वे घुसपैठिये हैं. दुनिया में जो कोई भी यहां आना चाहे, अगर उसे आना दे दिया गया तो हमारा देश धर्मशाला बन जाएगा.” जितना मेरा अधिकार इस देश की मिट्टी पर है उतना ही अधिकार पाकिस्तान–बांग्लादेश के हिंदुओं का है. यह बात मैं देश के गृह मंत्री के रूप में कहता हूं.”

‘कुछ पार्टियों ने घुसपैठियों को आश्रय दिया’

विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “घुसपैठ में कुछ पार्टियों ने वोट बैंक देखना शुरू कर दिया है, इसलिए उन्होंने घुसपैठियों को आश्रय दिया है. हमारे गुजरात और राजस्थान में भी बॉर्डर है, लेकिन वहां घुसपैठ नहीं होती. झारखंड में जनजातीय समुदाय की संख्या में बहुत बड़ी गिरावट आई है. इसका कारण बांग्लादेश से आए घुसपैठिए हैं.”

AZMI DESK

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