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आजमगढ़ की आकांक्षा सिंह को UPSC में मिला 44वां स्थान, वर्तमान में रांची में हैं असिस्टेंट प्रोफेसर

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा-2023 का रिजल्ट जारी कर दिया। इसमें 1016 कैंडिडेट पास हुए। इस परीक्षा में आजमगढ़ की बेटी आकांक्षा सिंह ने 44 वीं रैंक हासिल कर जिले का गौरव बढ़ाया है। आकांक्षा सिंह को यह सफलता फिफ्थ अटेम्ट में हासिल हुई है। आकांक्षा सिंह के पिता चन्द्र कुमार सिंह बिहार कैडर के पीसीएस अधिकारी रहे हैं। झारखंड राज्य बनने के बाद बिहार से झारखंड चले गए और झारखंड से ही वर्ष 2020 में रिटायर हो गए। झारखंड से रिटायर होने के बाद चन्द्र कुमार सिंह अपनी पत्नी के साथा वारणसी में रहते हैं। चन्द्र कुमार सिंह आजमगढ़ जिले के बूढ़नपुर तहसील के रहने वाले हैं। आकांक्षा सिंह के पिता चंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सिविल सेवा में होने के कारण घर में बच्चों की पढ़ाई के लिए सपोर्टिव माहौल मिला है। यही कारण है कि एक बेटा बैंगलोर से इंजीनियरिंग कर रहा है और जबकि बेटी का आज सिविल सेवा में सिलेक्शन हो गया। पिता का कहना है की बेटी हमारी शुरू से ही टॉपर रही है। यही कारण है कि आज यह सफलता हासिल हुई है। आकांक्षा की मां हाउसवाइफ है बेटी की सफलता से मां और पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। आकांक्षा सिंह ने बताया कि डेढ़ वर्ष पहले रांची विश्वविद्यालय के एसएस मेमोरियल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कार्यरत हूं। सिविल सेवा में जाने के सवाल पर आकांक्षा सिंह का कहना है कि सिविल सेवा में जाने की प्रेरणा पिताजी से और मामा रणजीत सिंह से मिली। मामा रणजीत सिंह इंडियन कॉरपोरेट लीगल सर्विस में कार्यरत है।
आकांक्षा सिंह ने बताया कि इंटरमीडिएट तक की शिक्षा जमशेदपुर में हुई है। इंटरमीडिएट के बाद ग्रेजुएशन बीए ऑनर्स से मिरांडा हाउस नई दिल्ली से किया है। इसके साथ ही एमफिल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से किया है। ग्रेजुएशन में दिल्ली यूनिवर्सिटी में सेकंड रैंकिंग मिली थी। इसके साथी एमफिल के साथ-साथ एचडी की भी तैयारी JNU से चल रही है।

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