नहीं रहे आजमगढ़ रंगमंच के वरिष्ठ अभिनेता डीडी संजय…रंगकर्मियों में शोक की लहर!

आजमगढ़। जनपद के रंगमंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले अभिनेता दिव्य दृष्टि संजय उर्फ दादा का देहावसान बीती रात कोलकाता शहर में हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और इलाज़ के सिलसिले में कोलकाता गए थे। जहां कल देर रात उनका निधन हो गया। इस संबंध में रंगकर्मी ममता पंडित ने जानकारी देते हुए बताया कि दिव्य दृष्टि संजय सूत्रधार से विगत 15 वर्षों से बतौर अभिनेता जुड़कर काम कर रहे थे। उन्होंने सूत्रधार के कुछ प्रसिद्ध नाटक प्रस्तुतियों जैसे आषाढ़ का एक दिन में मातुल की भूमिका शिवमूर्ति की प्रसिद्ध कहानी कसाई बार में दरोगा की भूमिका प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी में बुधी काकी की भूमिका ऋषिकेश सुलभ के नाटक बटोही में भिखारी ठाकुर के पिता की भूमिका समेत दर्जनों नाटक के सैकड़ो प्रस्तुति में शानदार अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। अभिषेक पंडित के निर्देशन में उन्होंने मुंबई पटना भोपाल उदयपुर चंडीगढ़ रायपुर इंदौर आदि शहरों में अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया था। 50 के दशक में कोलकाता में पैदा हुए दिव्य दृष्टि संजय अपने प्रारंभिक काल में बांग्ला रंगमंच से जुड़कर काम करते रहे। तदुपरांत अपने गृह जनपद आजमगढ़ में आकर सूत्रधार नाट्य दल के साथ जुड़ गए। उनके निधन से जनपद के रंगकर्मियों में शोक की लहर है। वे अपने पीछे पत्नी एक पुत्र व पुत्री छोड़ गए हैं।



