राजधानी में आखिर ट्राफिक जाम से कब मिलेगी निजात? आफाक

लखनऊ-(आफाक अहमद मंसूरी ) — ट्राफिक जाम ये एक बड़ी समस्या है क्योंकि जब घर से दफ्तर या कारोबार के लिए लोग निकलते है तो तत्काल उन्हें अपने मुकाम पर पहुंचना होता है लेकिन भीषण जाम लगने के कारण काफी देर हो जाती है, हर रोज इस गंभीर परेशानी से आम नागरिकों को गुजरना पड़ रहा है, जिसका जिम्मेदार ट्राफिक प्रशासन, पुलिस प्रशासन और नगर निगम है, अलग अलग डिपार्टमेंट इसलिए बनाए गए हैं ताकि उस जगह से समयाओं का समाधान हो सके, पुलिस प्रशासन और नगर निगम चाहे तो लखनऊ में जाम की स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में आ सकती है और लोगों को ट्राफिक जाम से निजात भी मिल सकती है, सबसे पहले तो शहर में जिन जिन सड़कों पर बड़ी और छोटी वाहने चलती हैं उन सड़को को अवैध अतिक्रमण से नगर निगम द्वारा पूरी तरह से साफ करवाया जाए, “सड़को पर किसी भी तरह का अतिक्रमण गैर कानूनी है” लेकिन उसके बावजूद आप अगर शहर में नजर डालिए तो सड़को पर आने जाने के लिए जगह कम और अतिक्रमण से घिरी हुई सड़के ज्यादा नजर आएंगी, हम आपको ज्यादा दूर नहीं ले जायेंगे हजरत गंज फायर स्टेशन और थाने के सामने ऐसा नजारा हर रोज देखने को मिलेगा, इसके अलावा लाटूस रोड, नाका हिंडोला, चारबाग, अमीनाबाद, मौलवीगंज आदि बहुत सी जगहों पर अवैध अतिक्रमण देखने को मिल जाएगा, एक दुकानदार अपनी दुकान से ज्यादा सड़क पर सामान घेरकर अतिक्रमण करता हुआ दिख जाएगा, पैदल चलने की जगहों पर खड़ी चार पहिया वाहने ज्यादा संख्या में देखने को मिलेंगी, इसके अलावा पान की गुमटी, सब्जी और फलों के ठेले, चाट बताशे के ठेले ज्यादातर शहर की सड़को पर अवैध अतिक्रमण के अंतर्गत सड़को पर घिरे दिखाई देंगे, अब ऐसे में प्रशासन भी जानता है कि ये सब गैर कानूनी है, अवैध है, गलत है, सही नही है, लेकिन इसके बावजूद धड़ल्ले से अवैध कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है… क्यों ? ये एक बड़ा सवाल है?
साफ नजर आता है कि कहीं न कहीं तालमेल है कहीं न कहीं लेन देन है और कहीं न कही वसूली है! इसलिए कि ईमानदारी जिम्मेदारी से कार्यों को अंजाम देती है और बेईमानी रकम लेकर अवैध कार्यों को बढ़ावा देती है, सब जानते है अवैध अतिक्रमण की हकीकत, चारबाग में सड़को पर बाकाएदा लाइन से बेहिसाब दुकानों का लगना, अमीनाबाद में बेशुमार झुंड के झुंड दुकानों का लगना, सब दर्शाता है कि आपस में तापमेल बहुत मजबूत है।
काश ! कि लखनऊ शहर में ट्राफिक जाम की समस्या का जल्द ही समाधान हो जाए, काश कि बेईमान किसी भी भेष में हो उनको आरोपी की लाईन में खड़ा करके न्याय होना चाहिए।
अब सवाल ये उठता है कि ट्राफिक जाम को समाप्त करने के समाधान तो हैं लेकिन ऐसा करने के लिए बहुत ज्यादा नुकसान से गुजरना होगा, और ये नुकसान कौन करना चाहेगा, चलिए शहर को ऐसे ही चलने दिया जाए बेइमानियों के साथ, ट्राफिक जाम के साथ, अवैध अतिक्रमण के साथ !



