स्वास्थ्य

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर, अस्पतालों में लगीं आंखों के मरीजों की लंबी-लंबी कतारें


दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों हवा इतनी जहरीली हो गई है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. दिवाली के बाद से प्रदूषण का स्तर रोजाना 300 के आसपास बना हुआ है, जो सेहत के लिए बेहद खराब माना जाता है. इस जहरीली हवा ने लोगों को कई तरह की बीमारियां दे दी हैं, जिनमें सांस फूलना, गले में खराश, सीने में दर्द आदि शामिल हैं. हालांकि, सबसे ज्यादा परेशानी आंखों को हो रही हैअस्पतालों में आंखों के मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लंबी-लंबी कतारें लगी हैं. नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली और गुरुग्राम के बड़े-बड़े अस्पतालों में रोजाना सैकड़ों लोग आंखों में जलन, खुजली, लालपन और पानी आने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं.

डॉक्टरों ने कही यह बात

डॉक्टरों का कहना है कि हवा में मौजूद धूल, धुआं, रासायनिक कण और जहरीली गैसें आंखों के लिए बहुत नुकसानदेह हैं. ये आंखों की ऊपरी परत यानी कॉर्निया को खराब कर सकते हैं और लंबे समय तक असर डालने पर रेटिना को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. पहले आंखों के मरीज कम आते थे. हालांकि, अब हालत यह है कि ओपीडी में आधे से ज्यादा मरीज प्रदूषण की वजह से आ रहे हैं. एक बड़े अस्पताल के आई डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. आनंद वर्मा ने बताया कि पहले दिवाली के बाद थोड़े दिन जलन की शिकायतें आती थीं, लेकिन इस बार प्रदूषण इतना ज्यादा है कि रोजाना 300-400 मरीज सिर्फ आंखों की समस्या लेकर आ रहे हैं. इनमें बच्चे, बूढ़े, जवान सभी शामिल हैं.

प्रदूषण से क्यों होती है दिक्कत?

डॉ. वर्मा ने बताया कि प्रदूषण में कई तरह की गैसें जैसे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) होती हैं. ये सभी आंखों में घुसकर जलन पैदा करती हैं. कई लोगों की आंखें इतनी लाल हो जाती हैं कि देखना मुश्किल हो जाता है. कुछ को खुजली इतनी होती है कि बार-बार रगड़ने से इंफेक्शन हो जाता है. बच्चे स्कूल से लौटते ही रोने लगते हैं कि आंखें दुख रही हैं. बुजुर्गों को तो पहले से ही आंखों की कमजोरी होती है. अब प्रदूषण ने उनकी हालत ज्यादा खराब कर दी है.

प्रदूषण से कैसे प्रभावित होती हैं आंखें?

डॉक्टर बताते हैं कि हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण आंखों की नमी को सोख लेते हैं, जिससे आंखें सूखी रहती हैं. इससे जलन, खुजली और लालपन होता है. अगर आंखों को बार-बार रगड़ा जाए तो बैक्टीरिया घुस सकते हैं और इंफेक्शन हो सकता है. कुछ लोगों को तो एलर्जी भी हो रही है, जिससे आंखों से पानी लगातार बहता रहता है. लंबे समय तक ऐसे माहौल में रहने से मोतियाबिंद या ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.

ऐसे बचाएं अपनी आंखें

  • घर से कम निकलें: कोशिश करें कि सुबह और शाम के समय बाहर न निकलें, क्योंकि उस वक्त प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है.
  • आंखें बार-बार धोएं: दिन में 2-3 बार साफ ठंडे पानी से आंखें धोएं. इससे धूल और कण निकल जाते हैं.
  • पानी खूब पिएं: दिन भर पानी पीते रहें, ताकि शरीर और आंखें हाइड्रेट रहें.
  • सनग्लासेस पहनें: बाहर निकलते वक्त अच्छी क्वालिटी के सनग्लासेस या प्रोटेक्टिव चश्मा लगाएं, जो UV और धूल से बचाए.
  • हाथ साफ रखें: आंखें रगड़ने से पहले हाथ अच्छी तरह धोएं, वरना इंफेक्शन हो सकता है.
  • सब्जियां और फल खाएं: हरी सब्जियां, गाजर, पालक, संतरा जैसे फल खाएं, जिनमें विटामिन A और C होता है. ये आंखों को मजबूत बनाते हैं.
  • आंखों में ड्रॉप डालें: डॉक्टर की सलाह से लुब्रिकेंटिंग आई ड्रॉप्स इस्तेमाल करें, जो आंखों को नमी देते हैं.
  • मास्क जरूर पहनें: N95 मास्क लगाएं, जो धूल और कणों को रोकता है.

ये भी पढ़ें: ये फैशन मिस्टेक्स आपको बना रहीं उम्र से ज्यादा बूढ़ा, जान लें इससे बचने का तरीका

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

AZMI DESK

Related Articles

Back to top button
WhatsApp Join Group!