कविता वर्मा का मानना है,असली दौलत प्यार और सच्चे रिश्ते हैं, न कि महंगी चीज़ें


Mumbai:
अभिनेत्री और कवयित्री कविता वर्मा, जिन्हें हाल ही में बेजॉय नाम्बियार की सीरीज़ “काला” (Disney+ Hotstar) में देखा गया था, अपनी खूबसूरत सोच और सादगी भरे अंदाज़ से लोगों का दिल जीत रही हैं। अपने गहरे विचारों और सच्चे नज़रिए के लिए जानी जाने वाली कविता ने हाल ही में ज़िंदगी, तोहफ़ों और असली लक्ज़री के मायने पर बात की।कविता मुस्कुराते हुए कहती हैं, “दिल से दिए गए तोहफ़े — चाहे वो महंगे ही क्यों न हों — हमेशा अच्छे लगते हैं,” और फिर सोचते हुए जोड़ती हैं, “लेकिन सच कहूं तो माता-पिता के दिए हुए तोहफ़े सबसे कीमती और बेशकीमती होते हैं।एक ऐसी इंडस्ट्री में जहां ग्लैमर और परफेक्शन को ज़्यादा अहमियत दी जाती है, कविता अपने सच्चे और ज़मीन से जुड़े स्वभाव से अलग पहचान रखती हैं। वो कहती हैं, “हाँ, इस इंडस्ट्री में टिके रहना थोड़ा मुश्किल है। यहां दिखावट और बाहरी सफलता पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है, क्योंकि यही पहली झलक में असर डालता है।लेकिन चमक-दमक के पीछे कविता हमेशा अपने भीतर के संसार से जुड़ी रहती हैं। वो कहती हैं, “मुझे लगता है ज़िंदा रहना और अपने भीतर की आवाज़ से जुड़कर रहना ही इंसान को ज़मीन से जोड़ता है। आज की दुनिया बहुत भौतिक हो गई है, हर चीज़ की कीमत पैसे से जोड़ी जाती है, पर असली मूल्य भावनाओं का होता है।
कविता अपनी सोच को एक खूबसूरत लाइन में समेटती हैं —
“जब आपको एहसास होता है कि आपके पास जो भी भौतिक चीज़ें हैं, वो आपके जाने के बाद यहीं रह जाएंगी, तब समझ आता है कि असल में आपके साथ सिर्फ यादें और रिश्तों की सच्चाई जाती है। यही सोच इंसान को भटकने नहीं देती।”कविता वर्मा के लिए लक्ज़री का भी अपना महत्व है, लेकिन उनके लिए असली दौलत प्यार, कृतज्ञता और सच्चे रिश्ते हैं — जो ज़िंदगी को सच में खूबसूरत बनाते हैं।



