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पाकिस्तान लेगा IS के आतंकियों की मदद, रची भारत को दहलाने की साजिश, खुफिया रिपोर्ट में खुलासा


पाकिस्तान की सेना इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर रही है. IS आतंकियों को पाकिस्तानी सेना न केवल हथियार मुहैया करा रही है, बल्कि आतंकी संगठन के कमांडरों को स्पेशल ट्रेनिंग देने का काम भी कर रही है. पाकिस्तान का मकसद अपने पड़ोसियों के खिलाफ ISI आतंकियों का इस्तेमाल करना है. इसके लिए पाकिस्तान ने चार शिविर तैयार किए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) के कुछ आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर की ओर मोड़ सकता है.

डूरंड रेखा को लेकर अफगान तालिबान के साथ तनाव बढ़ने के बाद से, पाकिस्तान और ISKP के आतंकवादियों के बीच बीते कुछ समय में नजदीकी बढ़ी है. यही कारण है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में हवाई हमले भी किए हैं और तालिबान ने भी इसका कड़ा जवाब दिया.

ISKP के 1,000 से ज्यादा आतंकवादियों को प्रशिक्षण

हाल के महीनों में, पाकिस्तान में खास तौर से ISKP के आतंकियों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनिंग कैंप की संख्या बढ़ाई है. खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि ISI अफगान तालिबान पर हमले करने के इरादे से ISKP के 1,000 से ज्यादा आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है. वहीं भारतीय एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों को अलग-अलग प्रकार के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं.

आतंकवादियों को जमीन पर लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे तालिबान लड़ाकों का सामना कर सकें. विशेषज्ञों का कहना है कि आत्मघाती हमलावरों के लिए भी प्रशिक्षण शिविर है. पाकिस्तानी सेना के कई वर्तमान और पूर्व अधिकारी, इस प्रशिक्षण प्रक्रिया में शामिल हैं.

तालिबान शासन को खत्म करना ISKP का मकसद

ISKP जब से अस्तित्व में आया है, तब से वह तालिबान के साथ संघर्षरत है. ISKP का मकसद अफगानिस्तान से तालिबान शासन को उखाड़ फेंककर शासन करने का है. विशेषज्ञों की मानें तो ISKP के कई सदस्यों को अफगानिस्तान से पाकिस्तान लाया जा रहा है और फिर उन्हें बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के कबायली इलाकों में स्थित कैंपों में भेजा जा रहा है.

अफगान सुरक्षा अधिकारियों ने मोहम्मद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया. मोहम्मद की गिरफ्तारी से इस दावे की पुष्टि हो गई कि पाकिस्तान ISKP आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण का केंद्र बन गया है. हिरासत में लिए गए आतंकवादी ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि उसने पाकिस्तान के क्वेटा में युद्ध प्रशिक्षण लिया था. जब वह फर्जी पहचान पत्र के साथ अफगानिस्तान में दाखिल हुआ था, तब उसका नाम मोहम्मद था. ISKP ने उसे अपने विचारों से प्रभावित करने के लिए काफी प्रयास किए थे.

जम्मू-कश्मीर पर भी ISKP की नजर

एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिलहाल ISKP का पूरा फोकस अफगानिस्तान पर है. एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इसका पूरे क्षेत्र पर असर पड़ सकता है. ISKP की नजर भारत पर भी है और आने वाले समय में अफगानिस्तान से बाहर भी अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर सकता है.

जब ISKP की स्थापना हुई थी, तब उसका फोकस तालिबान को हराना था. हालांकि उसने यह भी साफ कर दिया था कि वह एक खिलाफत स्थापित करने में रुचि रखता है, जिसमें भारत भी शामिल हो. इस आतंकी समूह ने जम्मू-कश्मीर में तनाव पैदा करने में काफी रुचि दिखाई है.

भारतीय युवाओं को टारगेट कर सकता है ISKP 

विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे ISKP के कुछ आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर भेज सकता है. ISI को लगता है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अलावा घाटी में एक और आतंकी समूह होने से उनकी लड़ाई और मजबूत हो जाएगी. जिस तरह से पाकिस्तानी सेना आतंकी संगठनों के साथ खुलकर प्रशिक्षण का काम कर रहा है, इससे भारतीय एजेंसियों के लिए एक और चिंता जरूर बढ़ गई है.

अटकलें लगाई जा रही है कि ISKP सीमा से सटे इलाकों से भारतीय युवाओं को टारगेट करेगा और उनका ब्रेनवॉश करके उन्हें ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजेगा. हाल ही में हुई गणना के अनुसार, केरल के कम से कम 21 लोग देश छोड़कर अफगानिस्तान में ISKP में शामिल हो गए हैं. उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा था, ताकि बाद में उन्हें भारत वापस भेजकर आतंकी हमले किए जा सकें.

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AZMI DESK

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