‘हमारे मुख्यमंत्री तो खुद ही…’, घुसपैठियों का जिक्र कर अखिलेश यादव का CM योगी पर तंज, लगने लगे ठहाके

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर तंज कसते हुए उनकी तुलना ‘घुसपैठिए’ से की है. सपा अध्यक्ष ने कहा, “हमारे यूपी में भी घुसपैठिए हैं. मुख्यमंत्री जी खुद उत्तराखंड से हैं. हम तो चाहते हैं कि उन्हें वापस उनके राज्य भेज दिया जाए.”
अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भाजपा के पास झूठे आंकड़े हैं. जो लोग पलायन के आंकड़े दे रहे हैं, अगर उनके आंकड़ों पर भरोसा किया जाए, तो आदमी भटक जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे उत्तर प्रदेश में भी घुसपैठिए हैं. मुख्यमंत्री उत्तराखंड से हैं. हम चाहते हैं कि उन्हें उत्तराखंड भेजा जाए.
सीएम योगी आदित्यनाथ पर कसा तंज
सपा अध्यक्ष ने कहा कि वो (सीएम योगी आदित्यनाथ) अकेले घुसपैठिए नहीं हैं, बल्कि विचारधारा के लिहाज से भी घुसपैठिए हैं. वो भाजपा के सदस्य नहीं थे, बल्कि किसी और पार्टी के सदस्य थे. तो, इन घुसपैठियों को कब हटाया जाएगा.
#WATCH | Lucknow, Uttar Pradesh: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, “…The BJP has fake statistics. If you believe the BJP’s statistics, you will be ruined. We have infiltrators here, too, in Uttar Pradesh. The Chief Minister is from Uttarakhand. We want him to be sent… pic.twitter.com/8XKWg3Vlw5
— ANI (@ANI) October 13, 2025
दरअसल हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को वोट बैंक की तरह मानते हैं. उन्होंने सवाल उठाया था कि गुजरात और राजस्थान की सीमाओं पर घुसपैठ क्यों नहीं होती. अखिलेश यादव के इस बयान को इसी का जवाब माना जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के अवसर प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान ये बात कही. उन्होंने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया जीवन भर अन्याय और गैरजिम्मेदारी के खिलाफ लड़ते रहे. आज हम उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को जनता तक पहुंचाने, उन्हें जागरूक करने और उनके बताए रास्ते पर चलकर सभी के लिए आर्थिक और सामाजिक सम्मान सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि जाति एक चिंता का विषय है. डॉ. लोहिया ने भी कहा था कि जाति को तोड़ना चाहिए और जाति को समाप्त करना चाहिए. बाबा साहेब (आंबेडकर) ने जाति के संबंध में कानून भी बनाया, लेकिन आज भी हमें जाति के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है.