आजमगढ़। जिले के समाज कल्याण विभाग की जांच में अनुदानित एवं निजी प्रबंधतंत्र से संचालित विद्यालयों में 25 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति अवैध पाई गई है। इन नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से पूर्व अनुमोदन नहीं लिया गया। जांच रिपोर्टअपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने 25 अप्रैल 2025 को रिपोर्ट पेश की, जिसमें साफ कहा गया कि ये नियुक्तियां उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल नियमावली 1975 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए हुईं। डिस्पैच रजिस्टर में किसी भी नियुक्ति का अनुमोदन पत्र दर्ज नहीं मिला, जिससे इन्हें फर्जी माना गया। FIR दर्जरिपोर्ट के आधार पर अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण अनुभाग-2 और निदेशक समाज कल्याण, लखनऊ ने 7 अगस्त 2025 को FIR दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) आशीष कुमार सिंह ने शनिवार को शहर कोतवाली में तहरीर दी।पुलिस ने तत्कालीन प्रबंधक कमलेश सिंह और 25 सहायक अध्यापकों—धर्मेंद्र सिंह, रामप्रवेश यादव, रामजियावन राम, सौरभ सिंह, पूनम सिंह, प्रशांत कुमार पाठक, ज्ञानचंद राहुल, प्रशांत गोड़, मधुलिका सिंह, शिवकुमार, विनीता सिंह, सुनील दत्त, नीतू यादव, रमाकांत यादव, विरेंद्र उपाध्याय, चंद्रप्रकाश द्विवेदी, नीलम यादव, शशि किरन, अनिता यादव, अनिता कुमारी, आशुतोष राय, राकेश कुमार सिंह, रामप्रीत राजभर, वरुण सिंह और रजनीकांत राय—के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अधिकारी का बयानजिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) आशीष कुमार सिंह ने कहा— "इतनी बड़ी संख्या में नियुक्तियों का अनुमोदन पत्र न होना आपराधिक साजिश की ओर इशारा करता है। पुलिस जांच कर रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।"