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’26 लाख से अधिक दीपों की चमक से परेशान हैं’, CM योगी का अखिलेश यादव के दीये वाले बयान पर जवाब


समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि जिन लोगों ने कभी आस्था का मजाक उड़ाया और अयोध्या की सड़कों को राम भक्तों और कारसेवकों के खून से रंग दिया, वे अब 26 लाख से अधिक दीपों की चमक से परेशान हैं. सीएम योगी ने आगे कहा कि स्थानीय प्रजापति और कुम्हार समुदायों द्वारा बनाए गए ये दीपक न केवल भक्ति के प्रतीक हैं, बल्कि आजीविका के अवसर भी प्रदान करते हैं, जिसे राम-द्वेषी स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.

दरअसल, सीएम योगी रामकथा पार्क में आयोजित भगवान राम के राज्याभिषेक समारोह में बोल रहे थे, जहां उन्होंने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े पूज्य संतों को सम्मानित भी किया. उनकी यह टिप्पणी अखिलेश यादव द्वारा दिवाली के दौरान दीये और मोमबत्तियां जलाने पर बड़ी रकम खर्च करने की आवश्यकता पर सवाल उठाने से एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म देने के एक दिन बाद आई है. यादव की टिप्पणी पर कई बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिन्होंने उन पर हिंदू परंपराओं का अपमान और भारतीय संस्कृति के प्रति अवमानना दिखाने का आरोप लगाया है.

अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा था कि दुनिया भर में, क्रिसमस के दौरान शहर खूबसूरती से जगमगा उठते हैं और यह उत्सवी रोशनी महीनों तक बनी रहती है. हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए. हमें दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा खर्च करने और इस प्रक्रिया के बारे में ज्यादा सोचने की क्या जरूरत है? हमें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए कि सरकार से क्या अपेक्षा की जाए; शायद इसमें बदलाव किया जाना चाहिए. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में और भी शानदार रोशनियाँ हों.

इस बयान से बीजेपी में आक्रोश फैल गया और कई नेताओं ने यादव की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह दिवाली और सनातन परंपराओं के प्रति अपमानजनक रवैया है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाताओं से कहा, “पूरा देश दिवाली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मना रहा है, खासकर जीएसटी में कटौती के बाद. इसके बावजूद अखिलेश यादव का यह बयान कि उन्हें दिवाली के दीयों में समस्या नजर आती है, बेहद निंदनीय है.” इसी तरह, बीजेपी खेमे के कई नेता अब पूर्व सीएम को निशाना बनाने के लिए विवाद में कूद पड़े हैं और बिहार चुनाव नजदीक आने के साथ ही यह मुद्दा और तेज होने की संभावना है.
 

AZMI DESK

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