BMC चुनाव के लिए शिवसेना ने कसी कमर, सांसद श्रीकांत शिंदे ने की समीक्षा बैठक

महाराष्ट्र में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर शिवसेना ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. पार्टी ने चुनावी मैदान में उतरने से पहले संगठन को मजबूत करने और रणनीति तय करने के लिए विभागीय स्तर पर बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है. शिवसेना संसदीय दल के नेता और सांसद श्रीकांत शिंदे इन बैठकों का नेतृत्व कर रहे हैं.
मुंबई में शनिवार (18 अक्टूबर) को डॉ. श्रीकांत शिंदे ने पश्चिम महाराष्ट्र के शिवसेना मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. इसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करने की हिदायत दी और कहा कि स्थानीय स्तर पर चाहे कैसी भी स्थिति आए, शिवसेना पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी. इस मौके पर वरिष्ठ नेता रामदास कदम, आनंदराव अडसूल, डॉ. नीलम गोर्हे, मीनाताई कांबली, पार्टी सचिव भाऊसाहेब चौधरी, संजय मोरे और राम रेपाले समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे.
एकनाथ शिंदे के निर्देश पर शिवसेना की बैठक
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, राज्य में 31 जनवरी 2026 तक पंचायत समिति, जिला परिषद, नगर पालिका और महानगर पालिका चुनावों की प्रक्रिया पूरी की जानी है. इसी को देखते हुए, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देश पर शनिवार (18 अक्टूबर) को मुंबई में पुणे, सोलापुर और सांगली जिलों के प्रमुख पदाधिकारियों, जिला प्रमुखों, संपर्क प्रमुखों और कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई.
चुनावी रणनीति और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा
बैठक में श्रीकांत शिंदे ने चुनावी रणनीति, स्थानीय मुद्दों और महायुती (गठबंधन) से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि महायुती सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों को जनता तक पहुँचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, ”अब वक्त है कि हम सब मिलकर पूरी ताकत से मैदान में उतरें. जनता के बीच जाएं, सरकार के कामों को बताएं और शिवसेना को मजबूती से खड़ा करें.”
इससे पहले, पिछले तीन दिनों में उत्तर महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ के लिए विभागीय बैठकों का आयोजन किया जा चुका है. डॉ. शिंदे ने विश्वास जताया कि आगामी स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनावों में महायुती की ही जीत होगी.
मराठी मुद्दे पर श्रीकांत शिंदे क्या बोले?
मराठी मुद्दे पर श्रीकांत शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा, “जब मराठी लोग मुंबई छोड़ रहे थे, तब ये लोग कहां थे? पिछले 20 वर्षों में मुंबई का मराठी आदमी कल्याण, डोंबिवली, कर्जत और कसारा तक पलायन कर गया, लेकिन किसी ने उसकी चिंता नहीं की.”
श्रीकांत शिंदे का महायुती पर हमला
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने आगे कहा, ”मुख्यमंत्री रहते हुए एकनाथ शिंदे ने बीडीडी चाल, रमाबाई नगर पुनर्विकास और बांद्रा संक्रमण शिविर जैसे प्रकल्पों में रहने वाले मुंबईकरों की दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान किया. महायुती सरकार उन मराठी लोगों को फिर से मुंबई में बसाने का काम कर रही है, जिन्हें मजबूरी में शहर छोड़ना पड़ा था. मतदाता अब बहुत समझदार है, और जो लोग सिर्फ अपने परिवार को बचाने के लिए ‘मराठी मुद्दा’ उठाते हैं, उनका जनता पर अब कोई असर नहीं रहेगा.”