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बिहार चुनाव: महागठबंधन से VIP चीफ मुकेश सहनी की नाराजगी दूर, 15 सीटें पर बनी सहमित


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर अब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने गुरुवार (16 अक्टूबर) को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वीआईपी पार्टी इस बार 15 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने यह भी पुष्टि की कि पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी.

सूत्रों के मुताबिक, सीट शेयरिंग को लेकर वीआईपी और राजद के बीच समझौता हो गया है. 15 विधानसभा सीटों के साथ वीआईपी को 2 एमएलसी सीटें और एक राज्यसभा सीट भी देने पर सहमति बनी है. इस समझौते के बाद मुकेश सहनी ने कहा कि वीआईपी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी और मछुआरों, पिछड़ों व वंचित समाज की आवाज विधानसभा तक पहुंचाएगी.

इन सीटों से उतरेंगे वीआईपी उम्मीदवार

पार्टी ने दो प्रमुख उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. मुकेश सहनी खुद दरभंगा जिले की गौड़ा बौराम सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि भभुआ सीट से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद बिंद उम्मीदवार होंगे. इसके अलावा दरभंगा शहरी, गौरा बौराम और कुशेश्वरस्थान सीटों पर भी वीआईपी अपने प्रत्याशी उतारेगी. आज सुबह मुकेश सहनी ने दरभंगा के मछली मंडी में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमेश साहनी को चुनाव का सिंबल सौंपा और कहा कि यह चुनाव वीआईपी के लिए ‘आवाज की लड़ाई’ है.

सीट बंटवारे पर बनी सहमति के बाद खत्म हुआ विवाद

बीते कुछ दिनों से वीआईपी पार्टी और राजद के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मतभेद चल रहे थे. सहनी अधिक सीटों की मांग पर अड़े थे, जिससे महागठबंधन में गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी. बुधवार को स्थिति तब बदली जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर सहनी से बातचीत की. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को कई बार स्थगित किया गया और अंततः शाम तक समझौते की घोषणा की गई.

आज नामांकन भर सकते हैं मुकेश सहनी

पहले चरण के नामांकन का शुक्रवार आखिरी दिन है. इसी दिन गौड़ा बौराम से मुकेश सहनी और भभुआ से बाल गोविंद बिंद अपना नामांकन दाखिल करेंगे. दरभंगा की गौड़ा बौराम सीट पहले से वीआईपी पार्टी के प्रभाव वाले क्षेत्रों में गिनी जाती है. वर्ष 2020 में इस सीट से वीआईपी की उम्मीदवार स्वर्णा सिंह विधायक बनी थीं, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गईं.

राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कदम

राजद के साथ समझौते के बाद मुकेश सहनी ने कहा कि यह गठबंधन बिहार के विकास और वंचित समाज की राजनीतिक भागीदारी को आगे बढ़ाने का प्रतीक है. उन्होंने दावा किया कि वीआईपी की ताकत इस बार पहले से ज्यादा होगी और पार्टी सभी 15 सीटों पर दमखम से मुकाबला करेगी. इस तरह, सीट बंटवारे पर बनी सहमति के साथ वीआईपी पार्टी अब पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतर चुकी है और महागठबंधन में उसकी भूमिका एक बार फिर मजबूत होती दिख रही है.

AZMI DESK

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