जैसलमेर बस हादसे में अबतक 22 लोगों की मौत, 18 शवों की शिनाख्त, बाकी की DNA से होगी पहचान

राजस्थान के जैसलमेर जनपद में मंगलवार 14 अक्टूबर की दोपहर जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर थईयात गांव के पास हुए भयानक बस हादसे ने पूरे राज्य को सदमे में डाल दिया है. बस में सवार 57 यात्रियों में से 22 की मौत हो चुकी है, जबकि 13 घायलों का इलाज चल रहा है. इनमें अभी भी शवों की पहचान की संकट खड़ा हुआ है. जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि डीएनए से बाकी की शिनाख्त की जाएगी.
जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि हादसे में कुल 19 शव पहचान के लिए हमारे पास पहुंचे थे. इनमें से 18 शवों की शिनाख्त हो चुकी है, और 17 शवों का पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है. शेष एक शव के परिजन भी जोधपुर पहुंच चुके हैं, जिन्हें जल्द ही सुपुर्द किया जाएगा. एक शव की पहचान अभी बाकी है.
अहमदाबाद विमान हादसे की तर्ज पर होगी शिनाख्त
उन्होंने अपील की कि यदि किसी परिवार का सदस्य बस में सवार था और अभी तक ट्रेस नहीं हुआ है, तो वे जिला प्रशासन के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें. डीएनए टेस्ट के जरिए शिनाख्त की जाएगी, जैसा कि अहमदाबाद विमान हादसे में किया गया था. अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन 24 घंटे सक्रिय है और कोई भी लापता व्यक्ति छूटने नहीं दिया जाएगा.
13 घायलों का इलाज जारी
घायलों की स्थिति पर कलेक्टर ने बताया कि 16 घायल जोधपुर पहुंचे थे. इनमें से एक रास्ते में, दूसरा इलाज के दौरान और तीसरा सुबह दम तोड़ चुका है. अब 13 घायलों का महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) में बेहतरीन इलाज चल रहा है. डॉक्टरों की विशेष टीम तैनात है, जिसमें प्लास्टिक सर्जरी और बर्न यूनिट के विशेषज्ञ शामिल हैं.
घायलों में महिपाल सिंह (रामदेवरा), युनुस (बंबरो की ढाणी), ओमाराम (लाठी) आदि शामिल हैं. अधिकांश लोग 70 प्रतिशत तक झुलसे हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर हो रही है. मथुरादास माथुर अस्पताल में भी बैकअप टीम तैयार रखी गई है.
इस हादसे ने बसों रख रखाव और प्रवर्तन टीमों पर सवाल खड़े का दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने भी बताया था कि बस में इमरजेंसी एग्जिट न होने से मृतकों की संख्या बढ़ गयी. फिलहाल हादसे की जांच जारी है. खुद सीएम भजन लाल शर्मा कार्रवाई के साथ ही घायलों और मृतकों के परिजनों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.