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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘वृंदावन से दिल्ली’ पदयात्रा, ब्रजवासियों को दिया शामिल होने का आमंत्रण


मथुरा पहुंचे बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रेमानंद महाराज से मिलकर उनका हाल-चाल जाना. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अक्षत वितरण कार्यक्रम में शामिल होकर ब्रजवासियों को यात्रा में आने का निमंत्रण दिया. मथुरा में आयोजित होने वाले अक्षत वितरण समारोह में ब्रजवासियों को धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने पीले चावल देकर अपनी यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया. 

बागेश्वर धाम धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृन्दावन तक सनातन एकता पदयात्रा निकालने वाले हैं. अक्षत वितरण समारोह के माध्यम से उन्होंने जिले के प्रधानों, समाजसेवी संगठन, सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और सभी ब्रजवासियों को पदयात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया.

अब ये सभी लोग धीरेंद्र शास्त्री द्वारा दिए गए पीले चावलों को लेकर घर-घर जाएंगे और लोगों को पदयात्रा में शामिल होने का निमंत्रण देंगे.

मंचीय भाषण: मथुरा की पवित्रता और सनातन धर्म

धीरेंद्र शास्त्री जी ने मंच पर पहुंचकर पहले तो संत समाज के साथ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और फिर मंच से कहा कि जहां ठाकुर जी प्रकट हुए, ऐसी भूमि है मथुरा. जहां कृष्ण कन्हैया लाल पैदा, हुए ऐसी भूमि है मथुरा. अयोध्या में रामलाल बैठ गए मानो त्रेता युग तो हो चला है अब द्वापर की बारी है और जो जन्म भूमि के विरोध में है जो हिंदू राष्ट्र के विरोध में है छतरी के बड़े करो.

पहले कहते थे राम लला हम आएंगे मंदिर भव्य बनाएंगे और अब कहते हैं कृष्ण लीला यह सब संत आए गए हैं माखन मिश्री खाएंगे. महापुरुष पहुंच गए हैं 7 नवंबर से 16 नवंबर तक कात्यानी माता मंदिर दिल्ली से बांके बिहारी तक एक ऐसी विशाल पदयात्रा संत महापुरुष कर रहे हैं सभी संत आचार्य महापुरुष आगे आगे चलेंगे हम आप उनके पीछे-पीछे चलेंगे.

आज उसी के लिए सभी मथुरा क्षेत्र के प्रधान प्रमुख कौन से हैं सभी समाजों के अध्यक्ष पहुंचे हैं हम एक बात कहना चाहते हैं त्रेता तो हो गया अब द्वापर मथुरा में होना है और अगर धर्म विरोधी लड़ेंगे तो कलयुग संभल में होगा.

हम किसी के विरोधी नहीं केवल और केवल सनातन के लिए कार्य कर रहे हैं हम एक भिक्षा मांगने के लिए ब्रज में आए हैं हाथ उठाकर बताओ कि आप लोग तैयार हो भारत को हिंदू राष्ट्र कौन-कौन देखना चाहता है. कृष्ण जन्मभूमि में भव्य मंदिर कौन-कौन देखना चाहता है, यमुना मैया को शुद्ध और निर्मल कौन-कौन देखना चाहता है, और ब्रज क्षेत्र में मांस-मदिरा की दुकानों को बाहर कौन करेगा  यह सब पक्का-पक्का होना चाहिए. 

AZMI DESK

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