रीवा के सरकारी होस्टल में दाल में कीड़ा मिलने से मचा हड़कंप, छात्राओं का फूटा गुस्सा

एक बार फिर सरकारी बालिका छात्रावास के भोजन की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे हैं. शासकीय एक्सीलेंस मार्तंड क्रमांक-1 बालिका छात्रावास में सोमवार दोपहर परोसी गई दाल में कीड़ा (खनखजूर) निकलने से छात्राओं में हड़कंप मच गया. छात्राओं ने जैसे ही प्लेट में कीड़ा देखा, पूरे हॉस्टल में हंगामा मच गया और कई छात्राएं घबराहट में रोने लगीं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक छात्रा ने अनजाने में वही दाल खा ली, जिसके बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे उल्टियां आने लगीं. साथी छात्राओं ने आनन-फानन में वार्डन को सूचना दी, लेकिन आरोप है कि वार्डन ने शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिश की और छात्राओं को शांत रहने के लिए कहा. इसके बावजूद छात्राओं ने मोबाइल से वीडियो और तस्वीरें बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं, जिससे मामला तूल पकड़ गया.
‘हर बार दब जाता है मामला’
सूचना मिलते ही छात्र संगठनों के पदाधिकारी हॉस्टल पहुंचे और उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्र नेताओं ने कहा कि यह घटना कोई नई नहीं है. इससे पहले भी हॉस्टल के भोजन में बाल, पत्थर, कीड़े और खराब तेल की शिकायत हो चुकी हैं, लेकिन विभाग हर बार जांच का आश्वासन देकर मामले को दबा देता है.
छात्राओं ने इस बार सख्त रुख अपनाते हुए जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा, “हर दिन डर के साथ खाना खाते हैं. कभी बाल, कभी बदबूदार तेल, अब कीड़े निकलने लगे हैं, अब भरोसा उठ गया है.” छात्राओं ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगी.
जांच के लिए लैब भेजे जाएंगे सैंपल
मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचने की तैयारी में हैं. वहीं, प्रशासन ने भोजन का सैंपल जांच के लिए लैब भेजने की बात कही है. यह घटना एक बार फिर सरकारी छात्रावास में भोजन की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है.
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा, “हमें पूरे मामले की जानकारी मिली है. शिक्षा विभाग से प्रतिवेदन मांगा गया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. छात्राओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.”