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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बिलिमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण, डिजाइन में दिख रही स्थानीय पहचान की झलक, जानें कहां तक पहुंचा काम


मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना के तहत बन रहे निर्माणाधीन बिलिमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशन का सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण किया. रेल मंत्री ने स्टेशन निर्माण और ट्रैक बिछाने के कामों की समीक्षा की.

गुजरात का बिलिमोरा, जो आम के बागानों के लिए मशहूर है, इसलिए स्थानीय पहचान की थीम पर बिलीमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशन का फसाड इसी थीम पर आधारित है. डिजाइन में प्राकृतिक रोशनी, वेंटिलेशन, और एंटी-वाइब्रेशन तकनीक का खास ख्याल रखा गया है.

स्टेशन की क्या है खासियत?

बिलीमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशन का निर्मित क्षेत्रफल तकरीबन 38,394 वर्ग मीटर है. इस स्टेशन में कुल दो स्तर हैं, जहां पर ग्राउंड लेवल पर पार्किंग, लाउंज, शौचालय, टिकटिंग की सुविधा है, जबकि प्लेटफॉर्म लेवल पर 2 प्लेटफॉर्म, 4 ट्रैक बनाया जा रहा है, जिसमें प्लेटफॉर्म की लंबाई 425 मीटर है. 

यात्रियों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं की बात करें तो यहां लिफ्ट, एस्केलेटर, रिटेल आउटलेट्स, ईवी पार्किंग, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए खास इंतजाम किया जा रहा है. इसके अलावा पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए IGBC ग्रीन बिल्डिंग के तहत बारिश के पानी का संचयन, लो-फ्लो फिटिंग्स, पर्यावरण-अनुकूल पेंट किए जा रहे हैं. 

ट्रैक निर्माण में आधुनिक तकनीक

स्टेशन पर RC ट्रैक बेड का काम भी पूरा हो चुका है और अब रेल लेइंग कार (RLC) से अस्थायी ट्रैक बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. परियोजना में उच्च सटीकता वाले सर्वेक्षण उपकरण और आधुनिक कंस्ट्रक्शन तकनीकें अपनाई गई हैं.

बिलिमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशन की कनेक्टिविटी पर भी खासा जोर दिया गया है और इसी के तहत इस बुलेट ट्रेन स्टेशन की दूरी बिलिमोरा रेलवे स्टेशन से सिर्फ 6 किमी की दूरी पर है, जबकि बस डिपो भी 6 किमी की दूरी पर है, जबकि NH-360 से इस स्टेशन की दूरी 2.5 किमी है.

 

अगस्त 2027 तक सूरत से बिलीमोरा दौड़ेगी बुलेट ट्रेन

अब आपको बताते हैं कि इस बहु प्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना का काम अभी कहां तक पहुंचा है. आपको बता दें कि भारतीय रेलवे के मुताबिक, अगस्त 2027 तक सूरत से बिलीमोरा सेक्शन पर पहली बार बुलेट ट्रेन दौड़ेगी और इसी डेडलाइन के तहत इस परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है. 

अभी तक इस परियोजना के 508 किमी कॉरिडोर में से 325 किमी वायाडक्ट और 400 किमी पियर का काम पूरा हो चुका है. इसमें 17 नदी पुल, 10 स्टील ब्रिज, 4 लाख नॉइज बैरियर तैयार हो चुके हैं. साथ ही 217 किमी RC ट्रैक बेड निर्माण का काम भी पूरा हो गया है. इसके अलावा 2300+ OHE मास्ट, 7 पहाड़ी सुरंगों की खुदाई का काम चल रहा है, जबकि 21 किमी अंडरग्राउंड टनल में से 5 किमी खुदाई पूरी हो चुकी है. 

महाराष्ट्र के तीनों एलिवेटेड स्टेशन पर भी निर्माण काम शुरू 

इसके अलावा सूरत और अहमदाबाद डिपो और गुजरात के स्टेशन का निर्माण काम भी अब काफी एडवांस्ड स्टेज पर पहुंच गया है. साथ ही महाराष्ट्र के तीनों एलिवेटेड स्टेशन पर भी निर्माण काम शुरू हो चुका है. 

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AZMI DESK

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