राजनीति

बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी को झटका, PM मोदी के साथ मंच पर दिखने वाले RJD विधायकों का इस्तीफा


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ऐलान के ठीक बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को दो बड़ा झटका लग चुका है. नवादा से विधायक विभा देवी और रजौली से विधायक प्रकाश वीर ने पार्टी छोड़कर विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है. दोनों ने विधानसभा स्पीकर को रविवार को अपना इस्तीफा सौंपा, जिससे RJD की सीटों पर संकट गहरा गया है. यह घटनाक्रम महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रहा है, जबकि NDA अपनी ताकत बढ़ाने में जुटा हुआ है.

विभा देवी, पूर्व RJD विधायक राजवल्लभ यादव की पत्नी, नवादा विधानसभा सीट से 2020 के चुनाव में RJD के टिकट पर जीतीं. राजवल्लभ यादव, जो खुद तीन बार विधायक रह चुके हैं और श्रम राज्य मंत्री भी रह चुके हैं, विभा देवी ने पति की अनुपस्थिति में नवादा की सियासत संभाली और पिछले 5 वर्षों (नवंबर 2020 से अक्टूबर 2025 तक) में विधायक के रूप में सक्रिय रहीं.

हालांकि, पिछले कुछ महीनों से वे BJP के करीब दिखाई देने लगी थीं. अगस्त 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया रैली में मंच पर उनकी मौजूदगी ने RJD में हलचल मचा दी थी. सूत्रों के मुताबिक, टिकट कटने की आशंका और परिवार की NDA से नजदीकी ने उन्हें यह कदम उठाने पर मजबूर किया. इस्तीफे के बाद वे BJP से नवादा सीट पर ही टिकट की उम्मीद कर रही हैं.

प्रकाश वीर स्थानीय असंतोष के बीच 5 साल का सफर रजौली (SC) विधानसभा सीट से प्रकाश वीर ने भी 2020 के चुनाव में RJD के टिकट पर जीत हासिल की थी. दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रकाश वीर ने पिछले 5 वर्षों विधायक के तौर पर क्षेत्रीय मुद्दों जैसे सिंचाई, सड़क और बेरोजगारी पर काम किया, लेकिन स्थानीय स्तर पर उनके खिलाफ असंतोष बढ़ता चला गया.

अगस्त 2025 में एक वायरल वीडियो में RJD कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी यादव से उनका टिकट काटने की मांग की थी, जो ‘ओ तेजस्वी भैया… प्रकाश वीर को हटाना होगा” जैसे नारों से गूंजा. प्रकाश वीर की BJP की ओर झुकाव की खबरें अगस्त से ही आ रही थीं. पीएम मोदी के कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति ने इन अटकलों को बल दिया. इस्तीफे के बाद वे रजौली से ही BJP टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. लेकिन महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर असर पड़ना तय है.

राजनीतिक विश्लेषक इसे टिकट की होड़ और NDA की चाल का नतीजा बता रहे हैं. RJD कार्यालय में हड़कंप मचा है, और लालू प्रसाद यादव की सेहत के बावजूद पार्टी की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं.यह घटना बिहार की सियासत को और रोमांचक बना रही है. क्या RJD संभाल पाएगा यह झटका, या NDA का पलड़ा भारी हो जाएगा?

AZMI DESK

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