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ISI को भेजता था खुफिया जानकारी, अलवर से ‘महाठग’ जासूस गिरफ्तार


पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार मंगत सिंह को शनिवार (11 अक्टूबर, 2025) को अलवर से पकड़े जाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया. इंटेलिजेंस एजेंसियों ने उसे सीजेएम कोर्ट में पेश करते हुए तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड (PCR) की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. 

अब जांच एजेंसियां मंगत सिंह से तीन दिन तक गहन पूछताछ कर सकेंगी और उसे अलवर भी ले जाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, मंगत सिंह पिछले काफी समय से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े हैंडलर के संपर्क में था. वह भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान भेजता था. 

हनी टैपिंग के लिए इस्तेमाल किया फर्जी नाम

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिन पाकिस्तानी नंबरों पर वह सूचनाएं भेजता था, वे नंबर उसके मोबाइल में ‘ईशा शर्मा’ और ‘ईशा घोष’ के नाम से सेव थे. जांच में सामने आया है कि ये नाम फर्जी हैं और संभवतः हनी ट्रैपिंग के लिए इस्तेमाल किए गए.

स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सुदेश सत्यवान ने बताया कि आरोपी मंगत सिंह न केवल जासूसी गतिविधियों में लिप्त था, बल्कि उसने पाकिस्तान से पैसे भी लिए हैं. उसके बैंक खातों में पाकिस्तान से कई बार रकम ट्रांसफर की गई है. प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि मंगत सिंह अलवर में लोगों के साथ ठगी के कई मामलों में भी शामिल रहा है और उसे स्थानीय स्तर पर ‘सिद्ध पुरुष’ और ‘महाठग’ के नाम से जाना जाता है.

‘ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की खुफिया जानकारियां की लीक

खास बात यह है कि ‘ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान उसने कई खुफिया जानकारियां पाकिस्तान को भेजी थीं. इसके अलावा, पहलगाम हमले के आसपास की अवधि में भी उसने महिला हैंडलर से लगातार संपर्क में रहकर सूचनाएं साझा की थीं. एजेंसियों को आरोपी के मोबाइल से कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं, जो उसके जासूसी नेटवर्क की पुष्टि करते हैं.

सूत्रों के अनुसार, मंगत सिंह पिछले काफी समय से खुफिया एजेंसियों की रडार पर था और उसके खिलाफ लगातार निगरानी रखी जा रही थी. अब उसे 14 अक्टूबर को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.

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AZMI DESK

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