अतीक अहमद के बेटे अली की झांसी जेल बदली के दौरान सुरक्षा चूक मामले में एक्शन, इंसपेक्टर सस्पेंड

माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल शिफ्ट किया गया है. बता दें, अतीक के बेटे अली के ऊपर पांच करोड़ की रंगदारी और उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने के केस में वे जेल में बंद हैं.
अली को पिछलों दिनों प्रयागराज की नैनी जेल से झांसी जेल शिफ्ट किया गया है. अली को शिफ्ट करने के दौरान हुई सुरक्षा में चूक को लेकर अब बड़ी कार्रवाई हुई है. उसकी सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही अशोक कुमार के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है.
जेल शिफ्टिंग के दौरान टीम लीड कर रहे थे इंस्पेक्टर
बता दें पुलिस लाइन में तैनात इंस्पेक्टर अशोक कुमार जय अली के जेल ट्रांसफर के दौरान सुरक्षा टीम को लीड कर रहे थे. इस बीच एडिशनल पुलिस कमिश्नर डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने कार्रवाई की पुष्टि की है.
वहीं अली अहमद ने नैनी जेल से झांसी ले जाते समय मीडिया के सामने बयानबाजी की थी. अली की इस बयानबाजी को सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया था. इस चूक के बीच उसकी सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है.
अली ने मीडिया से क्या कहा था?
इसके अलावा अली अहमद की सुरक्षा में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे. बता दें अली ने मीडिया से बात करते हुए कहा था मेरा अल्लाह जानता है कि यहां सुरक्षित रहेंगे कि नहीं, सीएम योगी से यही कहना है कि जो होना था वो हो गया, हमें बचा लीजिए मुझे बेवजह अब और ना सताया जाए.
वहीं अली के झांसी जेल पहुंचने के बाद जेल परिसर के अंदर का भी एक वीडियो सामने आया था. अली की फुटेज जेल के अंदर मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड करते दिखाई जा रही है. जबकि जैल मैनुअल के मुताबिक मोबाइल लेकर जेल के भीतर प्रवेश करना प्रतिबंधित है.
साल 2022 में अली ने किया था सरेंडर
बता दें लूट, रंगदारी और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपों के मामलों में अली फरार चल रहा था. अली अहमद ने 30 जुलाई 2022 को प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर किया था. इसके बाद से वह लगातार नैनी सेंट्रल जेल में बंद था.
1 अक्टूबर को नैनी जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच अली अहमद को झांसी जेल शिफ्ट किया गया था। जानकारी सामने आई थी कि अली से उनका भाई अबान 90 दिन में उनसे 9 बार जेल में मिलने पहुंचा था. अब इसी चूक के मामले में प्रशासन की तरफ से आगे की जांच और कार्रवाई की जा रही है.