क्या है पवन-ज्योति विवाद के पीछे राजनीति? राजपूत-कुशवाहा समीकरण से बिहार की सियासत में मची हलचल

भोजपुरी अभिनेता और गायक पवन सिंह के घरेलू विवाद को अब राजनीतिक रूप से उछाले जाने की चर्चा जोरों पर है. जब से पवन सिंह के बीजेपी में दोबारा आने का रास्ता साफ हुआ है. भोजपुर, रोहतास, भभुआ, बक्सर और औरंगाबाद जिलों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजपूत-कुशवाहा समीकरण को लेकर राजद, कांग्रेस और भाकपा माले की नींद उड़ गई है और पवन सिंह को कैसे काबू में किया जाए, यह उनकी प्रमुख चिंता बन गई है.
‘पिछले एक साल से राजद के संपर्क में हैं पवन सिंह’
ज्योति सिंह ने दावा किया है कि वे पिछले एक साल से राजद के संपर्क में हैं और चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं. अगस्त 2025 में उन्होंने काराकाट, नबीनगर और डिहरी में जनसंपर्क अभियान चलाया था. ये तीनों राजपूत बहुल विधानसभा क्षेत्र हैं और काराकाट लोकसभा क्षेत्र में आते हैं. उस समय पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच तलाक का मामला कोर्ट में विचाराधीन था, लेकिन ज्योति ने उस दौरान पवन पर कोई गंभीर आरोप नहीं लगाए थे और न ही मीडिया में भावनात्मक बयान दिये.
जनसंपर्क अभियान के दौरान ज्योति ने स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश की. उन्होंने खुद को इस क्षेत्र की बेटी बताया और लोगों से कहा कि उन्हें सिर्फ पवन सिंह की पत्नी के रूप में न देखें. उन्होंने शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की और महिलाओं के साथ कई बैठकें कीं.
पवन और ज्योति की वर्ष 2018 में हुई थी शादी
पवन सिंह और ज्योति सिंह की शादी मार्च 2018 में हुई थी. शुरुआत में रिश्ता ठीक चला, लेकिन 2021 में ज्योति के सोशल मीडिया पोस्ट से रिश्तों में दरार की जानकारी मिली. इसके बाद घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगे. पवन सिंह ने 2022 में आरा कोर्ट में तलाक की अर्जी दी, जबकि ज्योति ने बलिया कोर्ट में गुजारा भत्ता मांगा.
काराकाट से पवन सिंह ने लड़ा था चुनाव
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पवन-ज्योति विवाद के पीछे राजनीति भी जुड़ी हुई है. 2024 में जब बीजेपी ने पवन सिंह को आसनसोल से उम्मीदवार बनाया, तो तृणमूल कांग्रेस ने उनके पुराने गानों को वायरल कर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की थी. विवाद के कारण उनका टिकट वापस लिया गया. इसके बाद पवन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में काराकाट से चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे, 2 लाख 74 हजार वोट हासिल किए.
अब ज्योति सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्हें काराकाट से टिकट मिलता है, तो वे चुनाव लड़ेंगी. पवन-ज्योति विवाद ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है और आगामी विधानसभा चुनाव के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है.