आजमगढ़। लालगंज पावर हाउस में चल रही गंभीर अनियमितताओं ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, पावर हाउस में 3 से 4 घंटे तक शट डाउन कर बिजली सप्लाई बंद रखी जाती है और इस दौरान विभागीय अधिकारी व कर्मचारी प्राइवेट व्यक्तियों के साथ मिलकर अवैध कार्य करते हैं।सूत्रों के मुताबिक, जिस धनराशि का भुगतान सरकारी खजाने में होना चाहिए, वह प्राइवेट व्यक्तियों के हाथों में जा रही है। यह भ्रष्टाचार का सीधा उदाहरण है, जिसमें विभागीय मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।घटना के दौरान संविदा कर्मी उपेंद्र चौहान करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी निजी स्वार्थ में विभाग की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों ने इसकी जांच उच्च स्तरीय स्तर पर कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।मामले की जानकारी डीएम आजमगढ़ और ऊर्जा मंत्री उत्तर प्रदेश तक पहुंचाई गई है। सूत्रों का कहना है कि यदि शीघ्र जांच नहीं हुई तो स्थानीय जनता बड़े आंदोलन की तैयारी में है।लालगंज पावर हाउस में 3-4 घंटे तक शट डाउन का दुरुपयोगविभागीय मिलीभगत से हो रहा भ्रष्टाचारसंविदा कर्मी उपेंद्र चौहान करंट लगने से गंभीर रूप से घायलसरकारी धन निजी हाथों में जा रहा हैउच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की माँग