Azamgarh news:मानसिक स्वास्थ्य और तंबाकू सेवन से बचाव — युवा पीढ़ी के लिए सबसे बड़ी चुनौती : सीएमओ


आजमगढ़,जनपद में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) एवं “तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0” (9 अक्टूबर से 7 दिसंबर तक) के अवसर पर एएनएमटीसी सेंटर स्थित विवेकानंद सभागार में एक संयुक्त गोष्ठी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण / मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अंकित कुमार वर्मा एवं अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. एन. आर. वर्मा ने दीप प्रज्वलन कर किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डॉ. एन. आर. वर्मा ने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य और तंबाकू सेवन, दोनों के दुष्प्रभाव से बचाव करना आज की युवा पीढ़ी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। मानसिक विचलन, अवसाद और तनाव युवाओं को अंधकार की ओर ले जा रहे हैं, वहीं गुटखा, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद गंभीर बीमारियों के शिकंजे में जकड़ रहे हैं। जरूरत से अधिक सूचनाएँ और डिजिटल तनाव भी समाज में अवसाद का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं।”उन्होंने आगे कहा कि तेजी से बदलती जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और प्रतिस्पर्धा का दबाव मानसिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित कर रहा है। यदि समय रहते हम नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन और सकारात्मक सोच को अपनाएँ, तो न केवल मानसिक रोगों से बल्कि नशे और तंबाकू जैसी आदतों से भी बचा जा सकता है।सीएमओ ने बताया कि ‘टेली-मानस हेल्पलाइन’ 14416 या 1800-891-4416 पर कोई भी व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या पर प्रतिदिन निःशुल्क और गोपनीय सलाह प्राप्त कर सकता है।इस अवसर पर सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अंकित कुमार वर्मा ने उपस्थित जनों को “तंबाकू मुक्त समाज” के निर्माण का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे और तंबाकू से दूर रहकर स्वस्थ समाज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।गोष्ठी में क्षेत्रीय समन्वयक दिलीप पांडेय ने “तंबाकू मुक्त युवा अभियान” के अंतर्गत चलाए जा रहे प्रयासों की जानकारी स्लाइड शो के माध्यम से दी।मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित सिंह ने मानसिक तनाव के लक्षणों व उपचार पर विस्तृत चर्चा की, वहीं दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. नवीन वर्मा ने तंबाकू से होने वाले ओरल कैंसर के खतरों के बारे में जागरूक किया।सौरभ कुमार ने टेली-मानस हेल्पलाइन के संचालन और इसके लाभों की जानकारी दी तथा आमजन से इसका उपयोग करने की अपील की।अधिकारियों व शिक्षकों की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ए. अजीज, उप मुख्य चिकित्साधिकारी एवं एनसीडी नोडल अधिकारी डॉ. आलेन्द्र कुमार, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. उमा शरण पांडेय, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अविनाश झा, क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक नेहा यादव, यूनिसेफ समन्वयक गयासुद्दीन, एएनएमटीसी की प्रधानाचार्य एवं एनसीडी सेल प्रभारी दिलीप कुमार मौर्य, चंद्रप्रकाश सिंह तथा एएनएमटीसी की छात्राएँ उपस्थित रहीं।कार्यक्रम का संचालन प्रभारी प्रचार-प्रसार मनीष तिवारी ने किया।गोष्ठी के अंत में वक्ताओं ने कहा कि “मनोरोग अब अक्षम्य नहीं हैं। जागरूकता, समय पर परामर्श और सहयोग से हर व्यक्ति स्वस्थ जीवन पा सकता है।”