विद्युत चोरी का मुकदमा लिखना अभियंता को पड़ा महंगा, बिना शिकायत अवर अभियंता का तबादला

फूलपुर (आजमगढ़)। त्योहारों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगे अधीक्षण अभियंता समेत तीन अवर अभियंताओं का अचानक स्थानांतरण विभागीय हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। खास बात यह है कि फूलपुर के अवर अभियंता के खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी, फिर भी उनका तबादला कर दिया गया, जबकि सुदनीपुर के अभियंता को विद्युत चोरी का मुकदमा लिखना भारी पड़ गया।
2 मई को सुदनीपुर अवर अभियंता देवेंद्र प्रताप सिंह ने टीम संग फूलपुर की एक औद्योगिक इकाई का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि उपभोक्ता ने 3 किलोवाट कनेक्शन लिया था, जबकि लोड 15.3 किलोवाट निकला। बाईपास कर बिजली चोरी की पुष्टि पर अभियंता ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन, मेसर्स कार्ड बोर्ड इंडस्ट्रीज सुदनीपुर के मालिक शकील अहमद ने प्रबंध निदेशक से शिकायत की और बिना जांच के अभियंता का तबादला मीटर विभाग में कर दिया गया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह कदम राजनीतिक दबाव या उच्चस्तरीय सिफारिशों के चलते हुआ।
इसी क्रम में, विद्युत उपकेंद्र पवई के अवर अभियंता दीपेश कुमार गुप्ता और ग्रामीण विद्युत स्टेशन मनीष कुमार के खिलाफ क्षेत्रीय शिकायतें मुख्य अभियंता तक पहुंचीं, जिसे भाजपा मंडल अध्यक्ष ने भी समर्थन दिया। नतीजतन दोनों को बलिया भेज दिया गया।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि तबादले नियमित प्रक्रिया का हिस्सा हैं, मगर प्रभावित अभियंताओं और स्थानीय लोगों में रोष है। त्योहारों के मौसम में जिम्मेदार अधिकारियों के हटने से विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। मुख्य अभियंता का इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
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