पुलिस की अनदेखी से पीड़ित पहुंचा कोर्ट
5 लाख की धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी का मामला

आजमगढ़। सरायमीर थाना क्षेत्र के तलिया गांव निवासी अरुण कुमार गौतम ने सुल्तानपुर जनपद के जुमेदपुर निवासी शैलेंद्र मिश्रा और उनके पुत्र गौरव मिश्रा पर 5 लाख रुपये की धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित ने थाने और वरिष्ठ अधिकारियों से न्याय न मिलने पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, आजमगढ़ की अदालत में धारा 173(4) बीएनएसएस के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल कर जांच की मांग की है।
निवेश का लालच, फर्जी बॉन्ड का खेल
प्रार्थना पत्र में अरुण कुमार गौतम ने बताया कि शैलेंद्र मिश्रा (चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर, SKD लैंडमार्क इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड) और गौरव मिश्रा (असिस्टेंट चेयरमैन) ने उन्हें कंपनी में निवेश का लालच दिया। आरोप है कि दोनों ने पांच साल में रकम दोगुनी करने का वादा करते हुए उनकी बहन शुभावती से 5 लाख रुपये निवेश करवाए।
यह राशि 29 मार्च 2017 को अरुण के एसबीआई खाते में जमा हुई, जिसे 3 अप्रैल 2017 को कंपनी के खाते में RTGS के माध्यम से ट्रांसफर किया गया। बदले में, आरोपियों ने उन्हें एक बॉन्ड दिया, जो बाद में फर्जी साबित हुआ।
भुगतान से इनकार और धमकी
पांच साल की अवधि पूरी होने पर जब अरुण ने बॉन्ड की रकम मांगनी चाही, तो आरोपियों ने भुगतान करने से इनकार कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि 10 फरवरी 2025 को सरायमीर बाजार में शैलेंद्र और गौरव ने उन्हें गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। साथ ही फर्जी मुकदमे में फंसाने की चेतावनी दी और कहा, “हमारी सरकार है, तुम हमारा कुछ नहीं कर सकते।”
पुलिस की चुप्पी, कोर्ट की गुहार
पीड़ित ने स्थानीय थाने में तहरीर दी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ को रजिस्ट्री के माध्यम से शिकायत भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आर्थिक तंगी और असमर्थता के चलते अब अरुण ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट से थाना सरायमीर को जांच और उचित कानूनी कार्रवाई के आदेश देने की मांग की है।
स्थानीय स्तर पर चर्चा तेज
घटना के बाद से इलाके में पुलिस की भूमिका और कथित राजनीतिक दबाव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। लोगों का कहना है कि अगर पीड़ित को समय पर न्याय मिला होता तो मामला कोर्ट तक नहीं पहुंचता।