फॉलो-अप रिपोर्ट: आजमगढ़ के मोहम्मदपुर उपकेंद्र की लापरवाही पर नहीं थम रहा विवाद, ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ा।
सरकार दे रही सुविधाओं का दावा, पर मैदान में हकीकत उलट
आजमगढ़। मोहम्मदपुर विद्युत उपकेंद्र के अधीन आने वाले जमालपुर, रामपुर और अंनदोई गांवों में बिजली विभाग की घोर लापरवाही से ग्रामीणों की जान रोज खतरे में है। क्षेत्र में 11000 वोल्ट की जर्जर लाइनें, झुके पोल और खुले तार लगातार हादसों को न्योता दे रहे हैं। ताजा मामला कोयलाडी फीडर से जुड़ा है जहां आज शाम 11000 वोल्ट का खंभा टूट कर गिर गया।
जमालपुर, रामपुर, अंनदोई की स्थिति:
इन गांवों में बिजली के पोल बांस और बल्ली के सहारे टिके हैं।
कई जगह तार जमीन के बिल्कुल पास लटके हैं, बच्चों और जानवरों के लिए बड़ा खतरा।
कई बार लोगों की जान बाल-बाल बची।
ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, लेकिन जे ई विनय मौर्य ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आजमगढ़ जिले के मोहम्मदपुर विद्युत उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में बिजली विभाग की लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है। रोवा, फैजुल्लाहपुर, फरिहा, चकियां, दिलौरी, अमौरा, किशुनपुर और आसपास के क्षेत्रों में झुके पोल और जर्जर तारों की समस्या अब जानलेवा बन चुकी है। ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने के बाद भी विभाग और जे ई विनय मौर्य की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
11000 वोल्ट की हाइटेंशन लाइनें अब भी लोगों के सिर के ऊपर से गुजर रही हैं।

मोहम्मदपुर उपकेंद्र की मेंटेनेंस टीम महीनों से गांवों का निरीक्षण नहीं कर रही।
बारिश और हवा के दौरान कई जगहों पर तारों से चिंगारी निकलने की घटनाएं बढ़ी हैं।
जे ई विनय मौर्य के खिलाफ ग्रामीणों की नाराजगी अब आंदोलन का रूप ले रही है।
ग्रामीणों का आक्रोश:
फरिहा निवासी सुशील यादव ने कहा, “सरकार बिजली व्यवस्था सुधारने की बात करती है, लेकिन यहां अधिकारी खुद खतरा बने हुए हैं। अगर किसी की जान गई तो जिम्मेदारी किसकी होगी?”
दिलौरी के निवासी शमीम अहमद ने बताया, “हर दिन तार से चिंगारी गिरती है। हमने कई बार मोहम्मदपुर उपकेंद्र फोन किया, लेकिन सीयूजी नंबर रिसीव नहीं होता।”
स्थानीय प्रशासन पर दबाव:
ग्रामीणों की बढ़ती शिकायतों के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले की रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के अनुसार, अधिशासी अभियंता को भी इस स्थिति की जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक मौके पर निरीक्षण नहीं हुआ है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर #JEVinayMauryaInquiry और #UPPCLNegligence ट्रेंड करने लगे हैं। लोग लगातार विभाग की जवाबदेही तय करने की मांग कर रहे हैं।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि मामला अब पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय तक पहुंच गया है। वरिष्ठ अधिकारी इस पर जांच की संभावना जता रहे हैं।
हालांकि, अब तक किसी अधिकारी या जे ई के खिलाफ कार्रवाई की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
जनता की मांग:
जर्जर तारों और पोलों की तत्काल मरम्मत।
फीडर लाइनों की टेक्निकल जांच।
जे ई विनय मौर्य और संबंधित लाइनमैनों की जवाबदेही तय हो।
उपकेंद्र पर स्थायी निगरानी टीम की नियुक्ति।
आखिरी सवाल:
क्या सरकार की बिजली सुधार योजनाएं केवल फाइलों तक सीमित हैं, जबकि गांवों में खतरा हर घर के ऊपर मंडरा रहा है?
ग्रामीण अब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार और विभाग उनकी आवाज सुने और समय रहते कार्रवाई करे।



