दिल्ली: ‘गंगा-जमुनी तहजीब और…’, मंत्री कपिल मिश्रा बोले- इस बार भव्य होगा छठ पर्व

दिल्ली सरकार ने इस साल छठ पूजा को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. कला, संस्कृति और भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने सोमवार को पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष संतोष ओझा और अन्य सदस्यों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की.
मंत्री ने बताया कि इस बार दिल्ली में करीब एक हजार से ज्यादा स्थानों पर छठ पर्व का भव्य आयोजन किया जाएगा, जो अब तक का सबसे बड़ा आयोजन होगा. दिल्ली सरकार एक हजार से ज्यादा स्थानों पर आयोजन की तैयारी कर रही है. इससे पूर्वांचल की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा.
गंगा- जमुनी तहजीब का देंगे संदेश
सरकार का कहना है कि इस बार का आयोजन न केवल श्रद्धा का प्रतीक होगा, बल्कि यह दिल्ली की गंगा-जमुनी तहजीब और भाईचारे का भी संदेश देगा.
‘परंपरा और आस्था दिखाने के लिए खास इंतजाम’
कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि इस बार यमुना घाटों के साथ-साथ द्वारका, हाथी घाट, पीतमपुरा और सोनिया विहार जैसे प्रमुख स्थानों पर भी विशेष कार्यक्रम होंगे. उन्होंने बताया कि दिल्ली के हर छठ घाट पर पूर्वांचल की लोक संस्कृति, परंपरा और आस्था को दिखाने के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं.
200 लोक कलाकार देंगे प्रस्तुति
मंत्री ने दावा किया कि राजधानी में 200 से अधिक जगहों पर लोक कलाकारों को बुलाया जाएगा, जो पारंपरिक गीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे. घाटों पर भव्य सजावट, छठी मैय्या और सूर्य भगवान की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी और विद्युत रोशनी से वातावरण को उत्सवमय बनाया जाएगा.
ऐसी रहेगी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमतियों की प्रक्रिया आसान की गई है. एमसीडी, एनडीएमसी और फायर डिपार्टमेंट को साफ-सफाई, सुरक्षा और फायर सेफ्टी की जिम्मेदारी दी गई है. सभी प्रमुख घाटों पर मोबाइल टॉयलेट, एम्बुलेंस और पेयजल की व्यवस्था होगी. उन्होंने बताया कि सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को घाटों पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
‘दिल्ली की साझा संस्कृति का हिस्सा बना छठ’
कपिल मिश्रा ने कहा कि छठ पर्व सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विविधता का भी प्रतीक है. दिल्ली में लाखों पूर्वांचली लोग इस पर्व को पूरे मनोयोग से मनाते हैं. छठ पूजा अब सिर्फ बिहार या पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह दिल्ली की साझा संस्कृति का हिस्सा बन चुकी है.
बनाए जाएंगे मॉडल छठ घाट
गौरतलब है कि छठ महापर्व सूर्य उपासना का त्योहार है, जिसमें चार दिन तक उपवास, नदी या तालाब के किनारे अर्घ्य और पूजा की जाती है. राजधानी में हर साल लाखों श्रद्धालु यमुना घाटों और अन्य जलाशयों में सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचते हैं. दिल्ली सरकार के अनुसार, इस बार ‘मॉडल छठ घाट’ बनाए जाएंगे, जिन पर सभी सुविधाएं और सुंदर सजावट होगी ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और स्वच्छ माहौल में पूजा कर सकें.