LoC से सटे गांवों में सेना ने मनाई दिवाली, जवानों को अपने साथ देख खुश हुए कश्मीरी, कहा- हम असली नायकों संग…

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ सटे गोहालन के सुदूर गांव में दिवाली मनाई, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों और स्थानीय समुदायों के बीच मजबूत बंधन को दर्शाता है.
भारतीय सेना ने ग्रामीणों के साथ मिलकर दीये जलाए गए और मिठाइयां बांटी, जिससे गांव अपने अलगाव के बावजूद गर्मजोशी और त्योहारी उल्लास से भर गया. इस अवसर पर ग्रामीण काफी खुश दिखे और उन्होंने अपने परिवारों से दूर ड्यूटी पर तैनात सैनिकों को रोशनी के त्योहार के दौरान अपनेपन और एकजुटता का एहसास दिलाया. स्थानीय लोग खुशी से झूम उठे क्योंकि उन्होंने असली नायकों के साथ त्योहार मनाया और भारतीय सेना में अपना विश्वास जताया.
‘आज हम अपने असली नायकों के साथ दिवाली मना रहे’
स्थानीय निवासी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि आज हम अपने असली नायकों, भारतीय सेना के साथ दिवाली मना रहे हैं. हम कृतज्ञ महसूस करते हैं. मैं सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देता हूं. एक अन्य निवासी ने कहा कि हमने पहली बार इन सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय सेना के साथ दिवाली मनाई है. भारतीय सेना भी हमारे साथ ईद मनाती है, इसलिए हम आज उनके साथ दिवाली मनाने के लिए एकत्र हुए हैं.
दीपावली या दिवाली रोशनी का एक भारतीय त्योहार है. ‘दीप’ का अर्थ है दीपक या प्रकाश और ‘वली’ का अर्थ है धागा या पंक्ति. दीपावली का अर्थ है रोशनी की पंक्तियां. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है.
5 दिनों का त्योहार है दिवाली
दिवाली 5 दिनों का त्योहार है जो धनतेरस से शुरू होता है. दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली कहा जाता है. दिवाली का तीसरा दिन उत्सव का मुख्य दिन होता है. लोग इस दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद देने के लिए प्रार्थना करते हैं. दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा के लिए समर्पित है और 5वां दिन भाई दूज कहलाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका लगाकर उनकी लंबी और खुशहाल जिंदगी की कामना करती हैं.
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