शिवसेना के मंत्री और विधायक ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया, कर दी ये बड़ी मांग

मतदाता सूची में विसंगतियों के विपक्ष के आरोपों को दोहराते हुए सत्तारूढ़ शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने गुरुवार (16 अक्टूबर) को मांग की कि चुनाव आयोग को सूची से ‘दोहरे’ मतदाताओं के साथ-साथ मृत मतदाताओं के नाम भी हटाने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक मतदाता को आधार कार्ड और मृत्यु प्रमाण पत्र से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि मृत्यु के तुरंत बाद मृतक का नाम सूची से हटाया जा सके.
चुनाव आयोग से पूछा सवाल
संजय गायकवाड़ ने पूछा, ‘चुनाव आयोग दोहरे मतदाताओं (जिन मतदाताओं के नाम दो या अधिक सूचियों में हैं) और उन मतदाताओं के नाम क्यों नहीं हटा रहा है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम अब भी सूची में हैं.’ उन्होंने कहा कि उनके जिले में कुछ मतदाताओं की मृत्यु 30 वर्ष पहले हो चुकी है, फिर भी उनके नाम वर्तमान सूची में हैं.
उन्होंने ऐसे मतदाताओं की संख्या लगभग एक लाख बताई है. विधायक ने पूछा कि चुनाव आयोग ने 25 जुलाई को मतदाता सूचियों को अद्यतन करने का काम रोक दिया था, लेकिन उन लोगों का क्या होगा जो अंतिम तिथि के बाद मतदान के पात्र हो गए?
विधायक की मांग पर बोले गृह राज्य मंत्री
टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर शिवसेना नेता और गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने रत्नागिरी में संवाददाताओं से कहा कि यदि कोई विसंगतियां हैं तो उन्हें सुधारने की मांग करने में कुछ भी गलत नहीं है.
मुंबई में, एनसीपी (सपा) नेता रोहित पवार ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति के प्रतिकूल परिणामों के बाद फर्जी मतदाताओं का पंजीकरण, वास्तविक मतदाताओं के बड़े पैमाने पर नाम हटाने और मतदाताओं के दोहरे पंजीकरण जैसी गड़बड़ियां बड़े पैमाने पर हुईं. पवार ने दावा किया कि ‘‘अनुचित’’ मतदाताओं को मृत दिखाया गया और मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी मतदान हुआ.
लोकसभा में 32 लाख मतदाता जुड़े
एनसीपी (सपा) नेता ने बताया कि 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच 32 लाख मतदाता जुड़े, यानी प्रति वर्ष 6.5 लाख मतदाता या प्रति माह 54,000 नए मतदाता जुड़े. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच सिर्फ छह महीनों में 48 लाख नए मतदाता जुड़े.
उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद उनके कर्जत जामखेड विधानसभा क्षेत्र में 14,292 मतदाताओं के नाम जोड़े गए, 5,360 नाम हटाए गए और 14,162 दोहरे नाम मतदाता सूची में डाले गए.
एनसीपी (सपा) विधायक ने लगाए आरोप
एनसीपी (सपा) विधायक ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां एक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के आधार कार्ड का इस्तेमाल किसी दूसरे निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के पंजीकरण के लिए किया गया, जिसमें फोटो और नाम बदल दिया गया.
बुधवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे और विपक्षी दलों के नेताओं ने एक संवाददाता सम्मेलन कर मतदाता सूचियों में गंभीर अनियमितताओं का हवाला दिया. उन्होंने यह भी मांग की कि जब तक इन विसंगतियों को दूर नहीं किया जाता, स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने चाहिए.
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मानी लिस्ट में गलतियां
बृहस्पतिवार को मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना नेता संजय निरुपम ने भी स्वीकार किया कि सूचियों में त्रुटियां थीं, लेकिन उन्होंने कहा कि चुनाव न कराने की विपक्ष की मांग ज्यादती थी, क्योंकि स्थानीय निकाय चुनाव पिछले पांच से सात वर्षों से लंबित हैं.
निरुपम ने कहा, ‘राज्य में साढ़े नौ करोड़ से अधिक मतदाता हैं और एक लाख से अधिक मतदाता सूचियां हैं. यह दावा करना कि हर चीज में कोई न कोई समस्या है, थोड़ा दूर की कौड़ी है.’