राज्यसभा चुनाव में PDP करेगी नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन? महबूबा मुफ्ती ने रखी ये शर्त

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि आगामी राज्यसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को उनकी पार्टी का समर्थन गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों के लाभ के लिए कुछ प्रमुख विधेयकों के पारित होने पर निर्भर करेगा. उन्होंने ये भी कहा कि फारूक अब्दुल्ला ने संभावित समर्थन पर चर्चा के लिए उनसे मुलाकात की थी. उन्होंने पूछा कि क्या हम उनका समर्थन करेंगे, इस पर मैंने उनसे कहा कि हमारे नेता बैठकर इस पर चर्चा करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, ”पीडीपी ने पिछले और वर्तमान सत्रों में कई विधेयक पेश किए हैं, जिनमें 30 वर्षों से अधिक समय से जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों पर रहने वाले गरीब परिवारों और पीएचई, आरएंडबी, और सिंचाई जैसे विभागों में 20-25 वर्षों से काम कर रहे दिहाड़ी मजदूरों के नियमितीकरण से संबंधित विधेयक शामिल हैं.
NC को समर्थन के लिए महबूबा मुफ्ती ने क्या रखी शर्त?
महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “ये लोग सरकारी विभागों की रीढ़ हैं, फिर भी वे सिर्फ कुछ हजार रुपये कमाते हैं.” अगर सरकार इन विधेयकों को पारित कराने में मदद करे और उन्हें न्याय दिलाए, तभी हम नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने के बारे में सोच सकते हैं.” पीडीपी प्रमुख ने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”पार्टी ने पिछले एक साल में कश्मीर में BJP के एजेंडे को आगे बढ़ाने के अलावा कुछ नहीं किया है.”
महबूबा मुफ्ती का उमर अब्दुल्ला सरकार पर हमला
PDP अध्यक्ष ने ये भी कहा, ”उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार अनुच्छेद 370 की बहाली, राज्य का दर्जा बहाल करने, आरक्षण और भूमि सुरक्षा गारंटी के वादों के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों को राहत देने के बजाय, उमर अब्दुल्ला ने सभी गलत कामों को सामान्य बना दिया है.”
‘2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में भय का माहौल था’
उन्होंने कहा, “2019 के बाद से उपराज्यपाल के शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर में भय और अत्याचार का माहौल था, हर दिन विभिन्न एजेंसियों द्वारा तलाशी अभियान और कार्रवाई की जाती थी, लोगों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार करके चुप करा दिया जाता था और लोग सोच रहे थे कि ऐसा क्यों हो रहा है.”
जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात है क्योंकि उमर अब्दुल्ला ने जो किया है, उसने बीजेपी के लिए इन सब को सामान्य बना दिया है. क्योंकि उन्होंने न तो इन कार्रवाइयों का विरोध किया है और न ही अनुच्छेद 370 और यहां तक कि राज्य के दर्जे के खिलाफ चल रहे बयान का खंडन करने की कोशिश की है.
केजरीवाल का जिक्र कर उमर अब्दुल्ला पर हमला
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर जनता की सेवा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए, महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”आम आदमी पार्टी से उनके राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रस्तुत मॉडल ने दिखाया है कि केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद उनकी सरकार ने दिल्ली के लोगों को कुछ दिया है.
पीडीपी अध्यक्ष ने ये भी कहा, “यह कहना कि यह एक केंद्र शासित प्रदेश है और उनकी सरकार लाचार है, एक बहाना है. क्या केजरीवाल ने एक केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के बावजूद मुफ्त बिजली नहीं दी थी, अवैध कॉलोनियों को नियमित नहीं किया था, बेहतर स्वास्थ्य सेवा और अन्य सुविधाएं प्रदान नहीं कीं?”