राहुल गांधी के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग? कांग्रेस नेता ने की मारिया कोरिना से तुलना; कहा- संविधान बचाने के लिए…

वेनेजुएला की मुख्य विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को अपने देश में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ने के कारण इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. हालांकि इसे लेकर भारत में कांग्रेस उत्साहित हो गई है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने शुक्रवार (10 अक्टूबर, 2025) को मारिया और राहुल गांधी के बीच कई समानताएं गिना डालीं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने सुझाव दिया कि वह (राहुल गांधी) भी भारत में संविधान बचाने के लिए लड़ने की खातिर इस प्रतिष्ठित सम्मान के हकदार हैं. राजपूत ने मचाडो के साथ उनकी (राहुल गांधी) की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “इस बार शांति का नोबेल पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता को संविधान की रक्षा के लिए दिया गया है. भारत के विपक्षी नेता राहुल गांधी देश के संविधान को बचाने की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं.”
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने माचाडो को चुना
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने माचाडो को लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और वेनेजुएला में तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण परिवर्तन की वकालत करने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया है. पिछले वर्ष के चुनाव के बाद धमकियों का सामना करने और छिपने के लिए मजबूर होने के बावजूद, मचाडो वेनेजुएला के विपक्ष में एक एकजुटता का प्रतीक रही हैं.
इस बार का नोबल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता को मिला है संविधान की रक्षा करने के लिये।
हिंदुस्तान 🇮🇳 के विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी देश के संविधान को बचाने की लड़ाई लड रहे है । pic.twitter.com/xcgfkJixlZ
— Surendra Rajput (@ssrajputINC) October 10, 2025
कांग्रेस ने गिनाए राहुल गांधी के काम
भारत में कांग्रेस लगातार कहती रही है कि राहुल गांधी ने मौजूदा एनडीए सरकार की तानाशाही के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है क्योंकि उन्होंने हाल के दिनों में वोट चोरी, बिहार की मतदाता सूची से जानबूझकर मतदाताओं के नाम हटाने, चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए ईवीएम हैकिंग, पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण समाप्त करने के कथित प्रयास आदि जैसे मुद्दों को उठाया है.
भारत में पूरा विपक्ष बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए, केंद्र और विभिन्न राज्यों में मौजूदा बीजेपी सरकार को चुनौती देने के लिए इंडिया ब्लॉक बनाकर कांग्रेस के पीछे खड़ा हो गया है. विपक्ष का दावा है कि बेरोजगारी बढ़ रही है, देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है, अल्पसंख्यकों और एससी/एसटी के अधिकारों से समझौता किया गया है और आवाज उठाने वालों को दबाया जा रहा है.
राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष ने आरोप लगाया है कि एनडीए सरकार में भारत में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य मर गए हैं और कांग्रेस नेता इन्हें बचाने के लिए लड़ रहे हैं.
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