आज़मगढ़ उत्तरप्रदेश

सरकारी धन की खुली बर्बादी! जीजीआईसी आज़मगढ़ में लाखों के टैबलेट–लैपटॉप मिट्टी में दबे

प्रधानाचार्या और डीआईओएस ने दी सफाई, जांच के आदेश

आज़मगढ़। शिक्षा के डिजिटल रूपांतरण के लिए खरीदे गए लाखों रुपये के टैबलेट और लैपटॉप अब जीजीआईसी (राजकीय बालिका इंटर कॉलेज) के एक कमरे में मिट्टी और धूल में दबकर सड़ रहे हैं। इन महंगे उपकरणों को छात्राओं की पढ़ाई और स्मार्ट क्लास के लिए खरीदा गया था, लेकिन लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर ये अब कबाड़ में तब्दील हो गए हैं।

मामले का खुलासा ऐसे हुआ

मामले का खुलासा तब हुआ, जब विद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रात के समय इन उपकरणों को चोरी-छिपे हटाने की कोशिश कर रहे थे।
मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि वे यह काम विद्यालय के बाबू के निर्देश पर कर रहे थे।
जैसे ही मीडिया कैमरा मौके पर पहुंचा, वहां मौजूद लोग फरार हो गए

सूत्रों के मुताबिक, मिट्टी के ढेर के नीचे सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों टैबलेट और लैपटॉप दबे हुए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत लाखों रुपये में बताई जा रही है।

प्रधानाचार्या की सफाई और विवादित बयान

जब मीडिया ने जीजीआईसी की प्रधानाचार्या रूबी खातून से सवाल किया, तो उन्होंने पहले कैमरे पर सवाल उठाने की कोशिश की और रिपोर्टिंग रोकने का प्रयास किया।
बाद में उन्होंने कहा कि—

“डीआईओएस के निर्देश पर परीक्षा की तैयारी के लिए कमरे की सफाई कराई जा रही थी।”

उन्होंने यह भी कहा कि जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार किसी भी बयान पर रोक है।

डीआईओएस का बयान — “मुझे जानकारी नहीं”

जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) उपेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि वे परीक्षा कार्यों में व्यस्त हैं और उन्हें टैबलेट और लैपटॉप के इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि—

“मामले में नोटिस जारी किया गया है, और जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

उच्चाधिकारियों ने दिए जांच के आदेश

संयुक्त शिक्षा निदेशक नवल कुमार ने कहा कि—

“यदि जनपद में इस तरह की घटना हुई है, तो जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने स्वीकार किया कि सरकारी संसाधनों की बर्बादी गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है और इसकी जवाबदेही तय की जाएगी।

मामले के संकेत:

  • सरकारी धन से खरीदे गए हजारों टैबलेट और लैपटॉप धूल में दबे मिले

  • विद्यालय कर्मचारी रात में हटाने की कोशिश करते पकड़े गए

  • प्रधानाचार्या और बाबू पर उठे सवाल

  • डीआईओएस बोले – “मुझे जानकारी नहीं”

  • संयुक्त शिक्षा निदेशक ने जांच का आश्वासन दिया

संभावित धाराएं (प्रारंभिक अनुमान):

यदि जांच में गड़बड़ी साबित होती है तो संबंधितों पर भ्रष्टाचार, सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग, और सार्वजनिक धन की हानि जैसी धाराओं में गंभीर कार्रवाई संभव है।

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