तकनीकी गलती या कुछ और? सपा प्रमुख अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट सस्पेंड!

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का फेसबुक पेज कथित तौर पर सस्पेंड कर दिया गया है. समाचार लिखे जाने तक इस आशय की पुष्टि नहीं हो सकी थी कि यह तकनीकी गलती है या कोई और मामला है.
मेरठ स्थित सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने कन्नौज सांसद का फेसबुक पर सोशल मीडिया पेज बंद होने के आशय की जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट बंद करवाकर सरकार उनको जनता के दिलों से दूर नहीं कर सकते! जनप्रिय लोक नेता है ! अखिलेश यादव जिंदाबाद
सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर अखिलेश यादव का पेज बनाने के लिए निम्नवत जानकारी सर्च की जा रही है। इसमें लिखा है- यह कॉन्टेंट अभी उपलब्ध नहीं है. आमतौर पर इसलिए होता है क्योंकि इसके ओनर ने इसे केवल लोगों के एक छोटे समूह के साथ शेयर किया है, बदल दिया है कि इसे कौन देख सकता है या इसे हटा दिया गया है.
सपा नेता पूजा शुक्ला ने भी सोशल मीडिया साइट एक्स पर दावा किया कि सपा प्रमुख का फेसबुक पेज बंद कर दिया गया है.
उन्होंने लिखा कि फेसबुक ने अपनी हदें पार कर दीं – उसने बिना किसी चेतावनी या सूचना के अखिलेश यादव का आधिकारिक पेज सस्पेंड कर दिया. यह कोई साधारण अकाउंट नहीं है – यह अखिलेश यादव हैं, लाखों लोगों की आवाज़! फेसबुक को अपनी सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए – वह लोकतंत्र को दबा नहीं सकता.
सपा प्रवक्ता मनोज काका ने लिखआ कि भारत के तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूरी दुनिया में समाजवाद न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों के बड़े पैरोकार माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश य़ादव का फ़ेसबुक पेज डिएक्टीवेट करना ये दर्शाता है कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति के प्रति प्रतिबद्धता मेटा, मेटा इंडिया की भी अब सरकारों के हाथों गुलाम हो गयी है । मेटा से अपील है माननीय अखिलेश यादव जी के पेज यथाशीघ्र एक्टिव किया जाए.
अखिलेश के फेसबुक सस्पेंड होने पर सपा-बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप
एबीपी लाइव से बात करते हुए सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के रहते हुए कौन विपक्ष की आवाज सुनेगा. देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता का वेरिफाइड अकाउंट सस्पेंड होना कोई मामूली बात नहीं है. यह लोकतंत्र पर कुठाराघात है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने एबीपी लाइव से कहा कि ऐसा क्यों हुआ यह तो फेसबुक ही दे सकता है. इसका बीजेपी से कोई सरोकार नहीं है. समय समय पर बीजेपी नेताओं के भी अकाउंट भी सस्पेंड हुए हैं या हैक हुए हैं. इसका राजनीतिककरण नहीं करना चाहिए. उन्हें यह देखना चाहिए क्या कोई सामग्री अपलोड हुई जो नियमों का उल्लंघन करती थी?
अभी तक इस मामले में मेटा या मेटा इंडिया की ओर से कोई बयान उपलब्ध नहीं है.