स्वास्थ्य

क्या होगा अगर एक बार में पी लेंगे ढेर सारा पानी, ऐसा करना हमारी सेहत के लिए कितना खतरनाक?


पानी हमारी लाइफ के लिए बेहद जरूरी है. यह न सिर्फ हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, बल्कि पाचन, ब्लड फ्लो, शरीर का तापमान कंट्रोल करने और दिमाग के सही कामकाज के लिए भी जरूरी है. हम अक्सर सुनते हैं कि दिन में आठ गिलास पानी पियो या पानी जरूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बहुत ज्यादा पानी पीना भी खतरनाक हो सकता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अगर एक बार में ढेर सारा पानी पी लेंगे तो क्या होगा और ऐसा करना हमारी सेहत के लिए कितना खतरनाक है. 

अगर एक बार में ढेर सारा पानी पी लेंगे तो क्या होगा

अगर एक बार में ढेर सारा पीना, खासकर थोड़े समय में बहुत ज्यादा मात्रा में पी लेना, शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम को पतला कर सकता है. जब सोडियम का लेवल इंबैलेंस हो जाता है, तो यह जल विषाक्तता आनी Water Intoxication या हाइपोनेट्रेमिया जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है. इस स्थिति में शरीर के सेल्स पानी से सूजने लगती हैं और दिमाग पर दबाव बढ़ जाता है, जो कभी-कभी लाइफ के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है. हालांकि यह स्थिति आम लोगों में बहुत कम होती है, लेकिन यह उन लोगों में ज्यादा दिखाई देती है जो एथलीट हैं और लंबे समय तक खेल या एक्सरसाइज करते हैं, कुछ विशेष बीमारियों से पीड़ित हैं और बिना प्यास के लगातार बहुत सारा पानी पीते हैं.

ऐसा करना हमारी सेहत के लिए कितना खतरनाक है

1.  लगातार साफ यूरिन आना – अगर आपका यूरिन लगातार रंगहीन और साफ है, तो यह संकेत है कि शरीर को जरूरत से ज्यादा पानी मिल रहा है. हल्का पीला यूरिन आम तौर पर सही हाइड्रेशन का संकेत होता है, लेकिन लगातार साफ यूरिन यह बता सकता है कि इलेक्ट्रोलाइट्स इंबैलेंस  हो रहे हैं. 

2. जल्दी यूरिन आना – दिन में 8 से 10 बार से ज्यादा यूरिन आना यह संकेत हो सकता है कि गुर्दे एक्स्ट्रा पानी निकालने के लिए ज्यादा मेहनत कर रहे हैं. इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी भी हो सकती है. 

3. मतली, उल्टी और चक्कर आना – ज्यादा पानी पीने से शरीर में सोडियम की कमी होती है, जिससे मतली, कभी-कभी उल्टी और चक्कर आने लगते हैं. इसे अक्सर डिहाइड्रेशन समझ लिया जाता है, जबकि यह पानी के ज्यादा सेवन के कारण होता है. 

4. दिमाग की सूजन से सिरदर्द – जब शरीर में सोडियम कम हो जाता है, तो पानी दिमाग की कोशिकाओं में चला जाता है. इससे दिमाग में सूजन आ जाती है और तेज सिरदर्द शुरू हो जाता है. 

5. भ्रम और ब्रेन फॉग – ज्यादा पानी दिमाग के नॉर्मल काम करने को असर कर सकता है. ऐसे लोग भ्रमित, फोकस में दिक्कत, चिड़चिड़ा या थका हुआ महसूस कर सकते हैं. 

6. सूजन और स्किन का रंग बदलना – शरीर के हाथ, पैर, होंठ और चेहरे में सूजन दिखाई दे सकती है. स्किन फीकी या खींची हुई लग सकती है क्योंकि ज्यादा पानी सेल्स और टिशू में जमा हो जाता है. 

7. थकान और शारीरिक कमजोरी – गुर्दे एक्स्ट्रा पानी को निकालने के लिए एक्स्ट्रा मेहनत करते हैं, जिससे शरीर थका हुआ और कमजोर महसूस करता है. 

8. मांसपेशियों में ऐंठन – इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन, मरोड़ या झटके महसूस हो सकते हैं. 

9. दौरे पड़ने का खतरा – गंभीर मामलों में, सोडियम का स्तर तेजी से गिर सकता है, जिससे दौरे, बेहोशी या चेतना का अचानक खोना हो सकता है. 

10. सांस लेने में मुश्किल – दिमाग की सूजन श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकती है. इससे सांस लेने में मुश्किल हो सकती है और यह जल्दी जानलेवा हो सकता है. 

कितना पानी पिएं 

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन (IOM) के अनुसार, हर व्यक्ति की पानी की जरूरत अलग होती है. यह उम्र, शरीर का आकार, गतिविधि और मौसम पर निर्भर करता है. सामान्य रूप से वयस्क महिलाओं को  प्रतिदिन लगभग 2.7 लीटर पानी पीना चाहिए और वयस्क पुरुषों को प्रतिदिन लगभग 3.7 लीटर पानी पीना चाहिए. पानी की मात्रा को प्यास के अनुसार लेना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: कम नींद और हेयर फॉल के बीच क्या है कनेक्शन? जानें एक्सपर्ट्स की राय

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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AZMI DESK

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