डाइट और आदतों में कर लेंगे ये बदलाव तो बेहतर रहेगी Gut Health, एक्सपर्ट ने बताए असरदार नियम

आज की तेज रफ्तार वाली जिंदगी में सबसे ज्यादा अनदेखा किया जाने वाला हिस्सा हमारी आंत यानी Gut है. अक्सर लोग पेट की तकलीफों को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि हमारी गट हेल्थ ही शरीर की लगभग हर प्रक्रिया को प्रभावित करती है. पाचन से लेकर नींद, स्किन, मूड, इम्यूनिटी और एनर्जी तक.
हम सुबह कैसे उठते हैं, क्या खाते-पीते हैं, कब सोते हैं और दिनभर कौन-सी छोटी आदतें अपनाते हैं. ये सब मिलकर हमारी गट को हेल्दी और अनहेल्दी बनाते हैं. यही वजह है कि दुनिया भर के डॉक्टर और शोधकर्ता Gut Health को दूसरा दिमाग कहकर इस पर जोर देते हैं. इसी बीच एम्स, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से प्रशिक्षित, 25 साल के अनुभव वाले मशहूर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बेहद सरल लेकिन असरदार आदतें शेयर की हैं. उनका कहना है कि आने वाले सालों में हमारा पेट कितना हेल्दी रहेगा, यह आज बनाई गई आदतों पर ही निर्भर करता है. तो आइए जानते हैं बेहतर Gut Health के लिए G एम्स-ट्रेंड डॉक्टर ने क्या असरदार नियम बताए हैं.
1. सुबह की शुरुआत मोबाइल से नहीं – डॉ. सेठी का कहना है कि उठते ही फोन देखने से तनाव बढ़ता है, क्योंकि सुबह हमारे शरीर में कॉर्टिसोल पहले ही ज्यादा होता है. इस समय स्क्रीन स्क्रॉल करना दिमाग को और बेचैन करता है. इसके बजाय 1–2 मिनट अपने दिन के लिए आभार व्यक्त करें. यह वेगस नर्व को एक्टिव करता है, जिससे पाचन और मूड दोनों बेहतर होते हैं.
2. सुबह 10 मिनट धूप जरूर लें – सुबह की हल्की धूप शरीर की सर्कैडियन रिदम को रीसेट करती है. इससे विटामिन D बेहतर बनता है, मूड अच्छा रहता है और गट की आंत की घड़ी संतुलित होती है यानी आपके पाचन प्रणाली को दिनभर सही ढंग से काम करने में मदद मिलती है.
3. खाने के बाद 10 मिनट पैदल चलें – डॉक्टर मानते हैं कि खाने के बाद हल्की वॉक पाचन के लिए सबसे आसान उपाय है. इससे खाना जल्दी और अच्छे से पचता है, ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता, खाने के बाद आने वाली भारीपन वाली नींद नहीं आती है. खाने के बाद सिर्फ 10 मिनट की वॉक काफी हैं.
4. हफ्ते में तीन बार फर्मेंटेड चीजें खाएं – फर्मेंटेड चीजें आंत में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ाती हैं. इनमें दही, केफिर, किम्ची और कांजी शामिल हैं. डॉ. सेठी कहते हैं इसके लिए किसी कैप्सूल की जरूरत नहीं, नेचुरल खाना ही काफी है.
5. खाने-पीने में जड़ी-बूटियां और मसाले बढ़ाएं – भारत के पारंपरिक मसाले सिर्फ टेस्ट ही नहीं बढ़ाते, बल्कि आंत के लिए वरदान हैं जैसे हल्दी, अदरक, जीरा, सौंफ और काली मिर्च. ये पाचन में मदद करते हैं, आंत में सूजन घटाते हैं और माइक्रोबायोम को मजबूत करते हैं.
6. दिन के खाने के लिए 12 घंटे की एक तय सीमा रखें – खाना सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक सीमित कर दें. इससे आंत को रात में पर्याप्त आराम मिलता है, और डिटॉक्स प्रक्रिया बेहतर होती है. खाने का समय सीमित रहने से पाचन सुधरता है, वजन कंट्रोल में रहता है और नींद की क्वालिटी बढ़ती है.
7. नियमित रूप से बेरीज खाएं – बेरीज आंत के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाती हैं और शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम करती हैं. उन्हें खाने से पहले इन्हें बेकिंग सोडा और पानी से अच्छी तरह धोने की सलाह दी जाती है ताकि किसी भी प्रकार के केमिकल हट जाएं.
8. 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लें – नींद आंत के लिए उतनी ही जरूरी है जितना खाना, डॉ. सेठी कहते हैं माइक्रोबायोम रात में ही खुद को रिपेयर करता है,. देर रात तक जागने से न सिर्फ पाचन गड़बड़ होता है, बल्कि अगले दिन मीठा खाने की इच्छा भी बढ़ जाती है. इसलिए रोज कम से 7–8 घंटे की शांत, गहरी नींद जरूरी है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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