हजारीबाग: मेडिकल कॉलेज में गर्भवती की मौत, लापरवाही के आरोप, परिजनों ने किया हंगामा

झारखंड में एक गर्भवती महिला की कथित तौर पर एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. यह घटना राज्य के एक सरकारी अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन से पहले महिला के फिसलकर गिरने के कुछ समय बाद हुई. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. महिला के परिवार के सदस्य शव को हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसबीएमसीएच) में वापस ले आए और मुआवजे की मांग की.
हजारीबाग जिले के सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि डॉक्टर और सहायक नर्स एवं दाई (एएनएम) शनिवार सुबह स्त्री रोग वार्ड में बबली देवी (40) के प्रसव की तैयारी कर रहे थे. पीड़िता जब प्रसव कक्ष में बिस्तर से उतर रही थी, तो नीचे रखे फुटबोर्ड पर पैर रखते ही वह फिसलकर गिर गई.
डॉक्टर ने बताया क्यों हुई महिला की मौत
कुमार ने कहा, ‘‘हालांकि उस समय वह ठीक थी, लेकिन परिवार के सदस्यों की एक परिचित एएनएम ने उन्हें बताया कि उसे एक निजी नर्सिंग होम में ले जाना चाहिए. हालांकि हमने उनसे बार-बार आग्रह किया था कि इस समय कहीं न जाएं, फिर भी वे अस्पताल छोड़कर कहीं और चले गए, जहां उसकी मौत हो गई.’’
मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों का प्रदर्शन
सिविल सर्जन ने बताया कि जब वे शव लेकर नर्सिंग होम से घर लौट रहे थे तो एएनएम ने उन्हें दोबारा अस्पताल आने के लिए मना लिया ताकि शुरुआती इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर उन्हें अपने नुकसान की भरपाई मिल सके. कुमार ने बताया कि रात लगभग साढ़े दस बजे वे महिला के शव को वापस अस्पताल ले आए और मुआवजे की मांग करते हुए प्रदर्शन करने लगे.
पोस्टमार्टम के लिए परिजनों से मांगा सहयोग
उन्होंने कहा, ‘‘हमने मृतका का पोस्टमार्टम कराने में उनका सहयोग मांगा ताकि उसकी मौत का सही कारण पता चल सके और परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र सौंपा जा सके.’’अधिकारी ने बताया कि हालांकि, वे रविवार तड़के चार से साढ़े चार बजे के बीच अधिकारियों को सूचित किए बिना अस्पताल से चले गए. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी.
एसबीएमसीएच अधीक्षक ने आरोपों से किया इनकार
एसबीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एके पूर्ति ने परिवार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे मरीज को अस्पताल के बाहर एक जगह ले गए थे, जहां उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि जांच के लिए सोमवार को वरिष्ठ चिकित्सकों की एक समिति गठित की जाएगी.
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