केरल: सबरीमाला सोना चोरी मामले में SIT का एक्शन, मंदिर का पूर्व कार्यकारी अधिकारी गिरफ्तार

केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर से कथित तौर पर सोना गायब होने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने शनिवार (01 नवंबर, 2025) को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि कुमार 2019 में सबरीमाला मंदिर के कार्यकारी अधिकारी थे. उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया.
कुमार पर यह आरोप है कि उन्होंने द्वारपालक की मूर्तियों के सोने से मढ़े होने की बात छिपाई और मंदिर के आधिकारिक अभिलेखों में उन्हें तांबे की मूर्तियां बताकर दर्ज किया. सूत्रों ने बताया कि कुमार 1990 के दशक में सबरीमला से जुड़े थे और उन्हें पता था कि 1998 से 1999 तक द्वारपालक की मूर्तियों सहित गर्भगृह पर सोने की परत चढ़ाई गयी थी.
आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपा गया था काम
एक अधिकारी ने बताया कि जब द्वारपालक की मूर्तियों के सोने की मढ़ने का काम मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपा गया तो कुमार ने कथित तौर पर उन्हें तांबे की प्लेट के रूप में दर्ज किया, जिससे आरोपी बाद में मौजूदा सोने की परत को हटा सका.
कुमार ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) से सिफारिश की है कि द्वारपालक प्लेटों को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंप दिया जाए. सूत्रों ने बताया कि प्लेटों को हटाने का काम TDB तिरुवभरणम (पवित्र आभूषण) आयुक्त की उपस्थिति के बिना किया गया.
पोट्टी के करीबी सहयोगी वासुदेवन से SIT की पूछताछ
कुमार इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीसरे व्यक्ति हैं. उनसे पहले पोट्टी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू को गिरफ्तार किया गया था. कुमार को यहां न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की कोर्ट में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. कोर्ट ने आदेश दिया है कि आरोपी को सोमवार (03 नवंबर, 2025) को दोबारा पेश किया जाए. इस बीच, SIT ने पोट्टी के करीबी सहयोगी वासुदेवन से भी पूछताछ की.
जांच अधिकारियों ने बताया कि वासुदेवन ने द्वारपालक की मूर्तियों के अलावा स्वर्ण की परत चढ़े आसन को अपने पास रखा था, जिसे बाद में पिछले महीने तिरुवनंतपुरम में पोट्टी के एक रिश्तेदार के घर से जब्त किया गया था. SIT द्वारपालक की उन मूर्तियों और श्रीकोविल (गर्भगृह) की चौखटों से सोने की चोरी से संबंधित दो मामलों की जांच कर रही है, जिन्हें 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंपा गया था.
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