जम्मू-कश्मीर का दर्जे के मुद्दे पर यशवंत सिन्हा ने मीरवाइज उमर फारूक से की मुलाकात, ये अटकलें शुरू

जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने के मुद्दे पर नई दिल्ली और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के बीच बढ़ते तनाव के बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में एक ट्रैक-II प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनगर में हुर्रियत चेयरमैन से मुलाकात की.
इस मुलाकात से जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों के साथ बातचीत फिर से शुरू होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता में कंसर्न्ड सिटिजन्स ग्रुप (CCG) के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार (1नवंबर) को श्रीनगर में हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज मौलवी मुहम्मद उमर फारूक से उनके निगीन आवास पर मुलाकात की.
मुलाकात में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू और कश्मीर में शांति, बातचीत और जन कल्याण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल में एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) कपिल काक, वरिष्ठ पत्रकार भरत भूषण और सामाजिक कार्यकर्ता सुशोभा बर्वे शामिल थे.
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक माहौल में हुई, जिसमें विभिन्न हितधारकों के बीच लगातार जुड़ाव की आवश्यकता और मानवीय चिंताओं को दूर करने पर चर्चा हुई, जिसमें राजनीतिक बंदियों की दुर्दशा और आम लोगों की रोज़मर्रा की कठिनाइयाँ शामिल हैं.
हुर्रियत चेयरमैन ने की सराहना
बातचीत के दौरान, मीरवाइज उमर फारूक ने CCG के चल रहे प्रयासों की सराहना की और जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति लगातार चिंता व्यक्त करने के लिए आभार व्यक्त किया बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया, “उन्होंने दोहराया कि क्षेत्र में स्थायी शांति और सुलह हासिल करने के लिए बातचीत, सहानुभूति और आपसी समझ ज़रूरी है.”
दोनों पक्षों ने विश्वास बढ़ाने, सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने और जम्मू-कश्मीर में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए निरंतर संपर्क और संचार के महत्व पर जोर दिया. बता दें, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य का वापस दर्जा दिलाने का वादा किया गया था. अब इसको बहाल करने के लिए तनाव दिखाई दे रहा है.



