PHOTOS: मिसाइलों से लैस राफेल, पिछली सीट पर थीं द्रौपदी मुर्मू, तस्वीरें देखकर आसिम मुनीर को आ जाएंगे चक्कर!


भारतीय वायुसेना के इतिहास में 29 अक्टूबर 2025 का दिन गौरव और गर्व से भरा रहा. इस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी और उनके ठीक बराबर में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह का राफेल भी आकाश में साथ उड़ान भर रहा था.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ का विमान एक साथ समान फॉर्मेशन में उड़ रहे थे और दिलचस्प बात यह रही कि दोनों राफेल जेट्स मिसाइलों से लैस (armed) थे. ये नजारा देख पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर के होश उड़ जाएंगे.

वायुसेना के अनुसार, यह ऑपरेशनल कॉन्फिगरेशन था, जो राफेल की वास्तविक युद्ध क्षमता और मिशन रेडी स्टेटस को दिखाता है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य राफेल विमान के पिछले कॉकपिट (rear cockpit) में थीं,जबकि विमान को 17वीं स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी उड़ा रहे थे.

समानांतर उड़ रहे दूसरे राफेल में वायुसेना प्रमुख (Chief of Air Staff) एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह सवार थे, जो अपने राफेल के पिछले कॉकपिट (trailing aircraft rear cockpit) में बैठे थे.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार (29 अक्तूबर 2025) को हरियाणा के अंबाला में स्थित वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी और इसे अविस्मरणीय अनुभव बताया. एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी इसी एयरबेस से एक अलग विमान में उड़ान भरी. राष्ट्रपति मुर्मू दो लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं.

अप्रैल 2023 में सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. राफेल विमान में सवार होने से पहले राष्ट्रपति ने जी-सूट पहना था. हाथ में हेलमेट लिए और धूप का चश्मा लगाए मुर्मू ने पायलट के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं.

विमान के उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने विमान के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया. विमान ने लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी और करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वापस वायुसेना स्टेशन पर लौटा.

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई. राफेल विमान ने समुद्र तल से लगभग 15,000 फुट की ऊंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी. वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति को औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया.

राष्ट्रपति ने बाद में विजिटर बुक में लिखा, ‘अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचकर वायुसेना के राफेल विमान में अपनी पहली उड़ान को लेकर मैं बहुत प्रसन्न हूं. राफेल में उड़ान भरना मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा. इस शक्तिशाली विमान पर इस पहली उड़ान ने मेरे अंदर देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नई भावना जगाई है.”
Published at : 29 Oct 2025 10:19 PM (IST)



