गोरखपुर में युवक की मौत के बाद बवाल: पुलिस से भारी वैन पर पथराव, महिला सिपाही घायल, कई थानों की फोर्स तैनात

गोरखपुर। गीडा थाना क्षेत्र के जवाहरचक गांव में युवक की मौत के बाद मंगलवार को हालात बेकाबू हो गए। परिजनों और ग्रामीणों ने नौसड़ चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया, जिससे गोरखपुर–लखनऊ और गोरखपुर–वाराणसी मार्ग घंटों ठप रहे। करीब चार घंटे बाद अधिकारियों के आश्वासन पर जाम खत्म हुआ, लेकिन शाम होते ही भीड़ फिर उग्र हो गई और नौसड़ पुलिस चौकी का घेराव कर पथराव कर दिया।
भीड़ के हमले में एक महिला सिपाही घायल हो गई। पथराव के दौरान पुलिसकर्मी वैन के अंदर ही फंसे रहे। सूचना पर गीडा, खजनी, बेलीपार, तिवारीपुर समेत कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची और किसी तरह हालात पर काबू पाया गया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मामला क्या है
4 अक्तूबर की शाम जवाहरचक गांव के हनुमान पर गांव के ही रोशन चौहान और उसके परिजनों ने लाठी-डंडों से हमला किया था। गंभीर हालत में हनुमान को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां से उसे पीजीआई लखनऊ रेफर किया गया। इलाज के दौरान सोमवार शाम उसकी मौत हो गई।
मृतक की मां और पत्नी लक्ष्मीना ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए एफआईआर में हेराफेरी की। उनके अनुसार, प्रारंभिक तहरीर में चार से पांच लोगों के नाम थे, लेकिन पुलिस ने केवल एक आरोपी के खिलाफ ही केस दर्ज किया।
दोबारा भड़की भीड़
शाम करीब चार बजे स्थिति शांत होने के बाद अचानक भीड़ फिर से उग्र हो गई। पुलिस मुख्य मार्ग पर तैनात थी, तभी प्रदर्शनकारी नौसड़ चौकी पहुंच गए और चौकी को घेर लिया। युवकों और महिलाओं ने पुलिस जीप पर लाठी-डंडे और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। पुलिसकर्मी हेलमेट पहनकर अंदर ही छिपे रहे। करीब सात मिनट तक लगातार पथराव होता रहा, जिसके बाद भारी फोर्स बुलाकर भीड़ को तितर-बितर किया गया।
पुलिस का पक्ष
एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। भीड़ द्वारा बताए गए अन्य नामों को भी जांच में शामिल किया गया है। मृतक परिवार को सरकारी मदद का आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया गया।
परिजनों की प्रमुख मांगें
घटना में शामिल अन्य चार आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए
मृतक परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए
लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो
पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए
इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करे