
देहरादून। उत्तराखंड ने इस बार दिवाली के मौके पर स्वच्छ वायु के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। तकनीक, प्रशासनिक सतर्कता और जनता की सजगता के संगम ने राज्य के प्रमुख शहरों की हवा पहले से कहीं अधिक साफ़ कर दी। जहां पिछले साल दिवाली के दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया था, वहीं इस बार अधिकतर शहर ‘मध्यम’ या ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रहे।
दिवाली 2025 के दौरान प्रमुख शहरों के AQI स्तर इस प्रकार रहे:
देहरादून – 128, ऋषिकेश – 54, टिहरी – 66, काशीपुर – 168, रुड़की – 190, हल्द्वानी – 198 और नैनीताल – 111।
पिछले वर्ष के मुकाबले यह एक बड़ा सुधार है, जब देहरादून और काशीपुर में AQI 269 तक पहुंच गया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर कहा, “हमारा लक्ष्य केवल त्योहारों में नहीं, बल्कि पूरे वर्ष स्वच्छ वायु सुनिश्चित करना है। इस वर्ष के नतीजे बताते हैं कि नवाचार और सामूहिक प्रयास से वास्तविक परिवर्तन संभव है।”
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आर. के. सुधांशु ने बताया कि ड्रोन आधारित वॉटर स्प्रिंकलिंग और आधुनिक यांत्रिक स्वीपिंग मशीनों के उपयोग से वायु में कणीय प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आई है। ये मशीनें राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सहयोग से खरीदी गईं।
विद्यालयों और महाविद्यालयों में चलाए गए ‘ग्रीन दिवाली-क्लीन दिवाली’ अभियानों ने भी जनता की सोच में बड़ा बदलाव लाया। नागरिकों ने इस बार पर्यावरण-अनुकूल दिवाली मनाई, जिससे पटाखों के धुएं और धूल में भारी कमी दर्ज हुई।
राष्ट्रीय स्तर पर जहां दिल्ली, लखनऊ और पटना जैसे शहरों में दिवाली की रात हवा ‘खराब’ श्रेणी में रही, वहीं उत्तराखंड के शहरों ने बेहतर प्रदर्शन किया। देहरादून और ऋषिकेश ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में भी अपनी रैंकिंग सुधारी है।
यह सफलता बताती है कि यदि तकनीक, प्रशासन और जनता एक साथ काम करें, तो स्वच्छ और हरित भविष्य सिर्फ सपना नहीं, वास्तविकता बन सकता है।