
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल में दिवाली की रात एक निजी होटल में आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। आतिशबाजी के बीच अचानक लगी इस आग ने कुछ ही मिनटों में होटल की ऊपरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते आग इतनी भयंकर हो गई कि ऊपरी मंजिल पर बने फैमिली स्वीट रूम, एक हॉल, दो स्टोर रूम और अन्य कीमती सामान पूरी तरह से जलकर राख हो गए।
हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। आग लगने के समय होटल में कई देशी और विदेशी पर्यटक ठहरे हुए थे, जिन्हें समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस दौरान कुछ पर्यटकों का निजी सामान आग की लपटों में झुलस गया।
अग्निशमन विभाग को घटना की जानकारी सोमवार रात करीब 8 बजे मिली। सूचना मिलते ही कसोल फायर स्टेशन से दल तुरंत रवाना किया गया। होटल तक की दूरी लगभग नौ किलोमीटर होने के कारण टीम को मौके पर पहुंचने में करीब 18 मिनट लगे।
दो अग्निशमन वाहन और एक क्विक रिएक्शन व्हीकल की मदद से करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। दस सदस्यीय दल में एक लीडिंग फायरमैन, दो फायरमैन, पांच होमगार्ड फायरमैन और दो ड्राइवर शामिल थे।
फायर विभाग के अनुसार, इस हादसे में लगभग **50 लाख रुपये की संपत्ति** जलकर खाक हो गई, जबकि करीब 5 करोड़ रुपये की संपत्ति** को समय रहते बचा लिया गया।
आग से होटल कसोल इन की ऊपरी मंजिल को सबसे अधिक नुकसान हुआ, हालांकि आसपास स्थित ओडिन हॉस्टल, होटल तेजा सिंह और यश ट्रेडिंग कंपनी की इमारतों को बचा लिया गया।
फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में दिवाली की आतिशबाजी को इस अग्निकांड का संभावित कारण माना जा रहा है।