84 की उम्र में असरानी का शांत विदाई संस्कार – दिवाली की शुभकामना के कुछ घंटे बाद थमा हंसी का सितारा

मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक असरानी का सोमवार शाम 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और मुंबई के आरोग्य निधि अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। असरानी के निधन की खबर ने पूरे फिल्म उद्योग को गहरे शोक में डाल दिया।
परिवार के सूत्रों के मुताबिक, असरानी ने अपनी पत्नी मंजू असरानी से कहा था कि उनकी मृत्यु के बाद किसी प्रकार का शोर-शराबा या औपचारिक घोषणा न की जाए। उनकी यही इच्छा पूरी करते हुए परिवार ने मंगलवार सुबह सांताक्रूज के शास्त्री नगर श्मशान घाट पर शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार कर दिया। उल्लेखनीय है कि निधन से कुछ ही घंटे पहले असरानी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर दिवाली 2025 की शुभकामनाएं साझा की थीं।
350 से अधिक फिल्मों में छोड़ी अमिट छाप
असरानी ने 1960 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी और अब तक 350 से अधिक फिल्मों में काम किया। उन्होंने कॉमेडी से लेकर गंभीर किरदारों तक, हर भूमिका में अपनी अलग पहचान बनाई। 1970 के दशक में वे हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय चरित्र अभिनेताओं में शामिल हो गए।
मेरे अपने’, ‘बावर्ची’, ‘परिचय’, ‘चुपके चुपके’, ‘रफू चक्कर’ और ‘शोले’ जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित हैं। ‘शोले’ में निभाए गए **सनकी जेलर** का उनका किरदार बॉलीवुड इतिहास का एक यादगार अध्याय बन गया।
जयपुर से मुंबई तक का सफर
1 जनवरी 1941 को जयपुर के सिंधी परिवार में जन्मे असरानी ने थिएटर से अपने अभिनय की शुरुआत की। उन्होंने अभिनय की शिक्षा ललित कला भवन से प्राप्त की और बाद में मुंबई आकर ऋषिकेश मुखर्जी व किशोर साहू जैसे फिल्मकारों के मार्गदर्शन में फिल्मी करियर की शुरुआत की। गुजराती फिल्मों और निर्देशन में भी असरानी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
बॉलीवुड ने एक ऐसे कलाकार को खो दिया है जिसने अपनी सहज कॉमेडी और भावनात्मक अभिनय से पीढ़ियों तक दर्शकों को हंसाया और रुलाया। असरानी अब सिर्फ फिल्मों में नहीं, बल्कि यादों में सदा जीवित रहेंगे।