बिहार चुनाव: 23 करोड़ की शराब समेत पुलिस ने 64 करोड़ रुपये किए जब्त, 753 लोग गिरफ्तार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य में प्रवर्तन एजेंसियों ने सख्ती तेज कर दी है. छह अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद से अब तक राज्यभर में 64.13 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और अन्य लुभावनी वस्तुएं जब्त की गई हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, जब्त की गई वस्तुओं में 23.41 करोड़ रुपये की शराब, 16.88 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ, 14 करोड़ रुपये की अन्य लुभावनी वस्तुएं और 4.19 करोड़ रुपये नकद शामिल हैं. यह कार्रवाई राज्य में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून के बावजूद की गई है, जिससे प्रशासन की सतर्कता होती है.
पुलिस ने 753 लोगों को किया गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि छह अक्टूबर से अब तक पुलिस और अन्य एजेंसियों ने 753 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही 13,587 गैर-जमानती वारंटों का निष्पादन भी किया गया है. यह आंकड़े बताते हैं कि चुनाव से पहले अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निगरानी और कार्रवाई दोनों स्तरों पर तेजी आई है.
राज्य पुलिस, आबकारी विभाग, आयकर, सीमा शुल्क, राजस्व खुफिया और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों को निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि वे धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए लगातार निगरानी रखें. उड़न दस्ते, निगरानी दल और वीडियो सर्विलांस टीम को 24 घंटे सक्रिय रखा गया है ताकि मतदाताओं को प्रलोभन देने या चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश को तुरंत रोका जा सके.
निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना प्राथमिकता- आयोग
अधिकारियों ने बताया कि आम जनता को तलाशी या जांच के दौरान असुविधा न हो, इसके लिए भी विशेष दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है.
14 नवंबर को होगी बिहार में मतगणना
बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर मतदान दो चरणों में होगा. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा. मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 17 अक्टूबर को पूरी हो चुकी है, जबकि दूसरे चरण के लिए पर्चा दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर तय की गई है.
निर्वाचन आयोग ने पहले चरण में 121 सामान्य और 18 पुलिस पर्यवेक्षक तथा दूसरे चरण में 122 सामान्य और 20 पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. सभी पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे मतदान केंद्रों का दौरा कर सुनिश्चित करें कि सभी सुविधाएं और पारदर्शिता के उपाय सही ढंग से लागू हों.



