दीपावली से ठीक पहले अलीगढ़ में नगर आयुक्त का सख्त एक्शन, स्ट्रीट लाइट कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दीपावली के पर्व के मौके पर स्ट्रीट लाइटों का बुझाना कम्पनी को महंगा पड़ गया ,नाराज नगर आयुक्त के द्वारा कंपनी की ही बत्ती गुल करते हुए उसका अनुबंध निरस्त कर दिया है, जिससे अन्य विभागों में भी हड़कम्प मच गया है. नगर आयुक्त के द्वारा की गई इस कार्रवाई से अन्य ठेकेदार भी अपने-अपने कामों को अंजाम देने के लिए जुटे हुए नजर आरहे है.
दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ नगर निगम क्षेत्र का है, जहां दीपावली से पहले एक्शन मोड़ में काम कर रहे नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश मीणा ने अभी दो दिन पहले शहर के स्वच्छता से खिलवाड़ करने पर ए-टू-ज़ेड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का अनुबंध निरस्त कर दिया था. 24 घण्टे के अंतराल में नगर आयुक्त ने अब स्ट्रीट लाइट व्यवस्था में लगातार लापरवाही बरतने पर ईईएसएल कंपनी के भी अनुबंध को निरस्त कर दिया. नगर आयुक्त ने दो दिन में दो बड़े एक्शन से साफ संदेश दिया है कि नगर निगम की जनसुविधाओं से खिलवाड़ करना अब सम्भव नही है जो भी स्वच्छता स्ट्रीट लाइट व विकास कार्यो में लापरवाही बरतेगा उसको हर हाल में कार्रवाई भी अपने विरुद्ध झेलनी होगी.
लापरवाही पर लिया बड़ा एक्शन
नगर आयुक्त ने दीपावली से ठीक एक दिन पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम अलीगढ़ द्वारा ईईएसएल के साथ एलईडी स्ट्रीट लाइटों के संचालन रखरखाव एवं मरम्मत संबंधी अनुबंधों को निर्धारित शर्तों के उल्लंघन और कार्यों में निरंतर लापरवाही पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है. नगर आयुक्त ने यह कदम नगर निगम के विधिक नियम कानून एवं अनुबंध की शर्तों के अनुसार लिया है.
आपको बताते चले कि नगर निगम अलीगढ़ एवं ईईएसएल के बीच दिनांक 24 फरवरी 2015 से प्रथम चरण में 13297 नग एवं द्वितीय चरण में 19075 नग एलईडी स्ट्रीट लाइटों के स्थापना, संचालन एवं रखरखाव हेतु अनुबंध हुआ था. अनुबंध के अंतर्गत कंपनी को कुल 52,954 नग लाइटों का संचालन करना था जिनमें से 38757 लाइटें नगर निगम द्वारा प्रकाश व्यवस्था हेतु प्रयोग में लाई जा रही थीं. अनुबंध की शर्तों के अनुसार सभी लाइटों का 95 प्रतिशत समय तक सुचारू रूप से प्रकाशवान करना अनिवार्य था. लेकिन नगर निगम द्वारा समय-समय पर नोटिस जारी किए जाने के बावजूद ईईएसएल कंपनी द्वारा लाइटों के रखरखाव, मरम्मत एवं संचालन में गंभीर लापरवाही बरती गई. कंपनी की मोनिटरिंग (Monitoring) टीम कम संख्या में कार्य कर रही थी जिससे बड़ी संख्या में स्ट्रीट लाइटें लंबे समय तक खराब रहीं बार-बार चेतावनी एवं सुधार के अवसर देने के बावजूद कंपनी द्वारा कोई सुधार नहीं किया गया.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त ?
नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम द्वारा 20 से अधिक नोटिस के जरिये ईईएसएल को कहा गया कि अनुबंधानुसार लाइटों की नियमित देखभाल, ख़राब लाइटों की तत्काल मरम्मत तथा मानक गुणवत्ता सुनिश्चित करें. परंतु कंपनी द्वारा नगर निगम के किसी भी दिशा-निर्देश का पालन नहीं किया गया. जिसके परिणामस्वरूप नगर निगम को अनुबंध समाप्त करने का निर्णय लेना पड़ा.
नगर आयुक्त ने एक महत्वपूर्ण बात बताई कि अनुबंध की धारा 16.4 (Termination by the Aligarh Nagar Nigam) के अंतर्गत यह प्रावधान है कि यदि अनुबंधित कंपनी निर्धारित समयसीमा में अपनी कमियों को दूर नहीं करती तो नगर निगम को अनुबंध समाप्त करने का अधिकार प्राप्त है. इसी के तहत दिनांक 30.06.2025 को टर्मिनेशन नोटिस जारी किया गया था जिसके पश्चात 30 दिन की अवधि (Termination Period) दी गई. किंतु उस अवधि में भी कंपनी द्वारा किसी प्रकार का सुधार का कदम नहीं उठाया गया.
नगर आयुक्त ने बताया कि अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन लाइटों की स्थिति में निरंतर गिरावट जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही, उदासीनता तथा मेंटिनेंस टीम की अनुपलब्धता के कारण अनुबंध निरस्त किया गया है इनके भुगतान आदि में भी अनिमितताओं की जांच कराई जाएगी.
मेयर ने नगर आयुक्त के फैसले को सराहा
महापौर प्रशांत सिंघल ने कहा नगर निगम का प्रथम दायित्व नागरिकों को सुचारू और सुरक्षित प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कराना है. ईईएसएल द्वारा निर्धारित मानकों का अनुपालन न करने से नागरिकों को असुविधा हो रही थी जिस पर नगर आयुक्त ने सराहनीय कठोर एक्शन लिया है.
जनहित में शहर हित में यह निर्णय आदर्श निर्णय बनेगा नगर आयुक्त ने कहा शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो इसके लिए निगम के विद्युत विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि शहर के मुख्य मार्गों, चौराहों एवं कॉलोनियों में नियमित रूप से स्ट्रीट लाइटों की कार्यशीलता बनी रहे.