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बिहार में NDA को लेकर उद्धव ठाकरे गुट का बड़ा दावा, ‘उनमें मतभेद…’


उद्धव ठाकरे गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बिहार में एनडीए को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए में आपसी मतभेद बने हुए हैं और आपस में तालमेल नहीं हो पा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के ये हमेशा से रणनीति रही है कि वो जिन पार्टियों के साथ गठबंधन करती है, बाद में उसे ही खत्म करने का भी काम करती है. उन्होंने नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी का भी जिक्र किया.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ”मैं बस यही कहूंगी कि गठबंधन को लेकर जो बीजेपी का हमेशा से रवैया रहा है, कि वह पहले जिन पार्टियों के साथ गठबंधन करती है, फिर उन्हीं पक्षों को खत्म करने का काम भी करती है. खासकर मैं बिहार के बारे में कहूंगी कि अमित शाह जी ने क्या-क्या नहीं कहा था जब नीतीश कुमार ने सरकार तोड़ी थी.” 

‘नीतीश कुमार के लिए दरवाजे भी खुले और दिल भी मिले’

उन्होंने आगे कहा, ”अमित शाह ने इतना तक कहा था कि नीतीश कुमार के लिए वापस आने का दरवाजा बंद हो गया है. उनके लिए कभी दरवाजा नहीं खुलेगा. जैसे ही उन्होंने थोड़ी मंशा दिखाई, सिर्फ दरवाजा ही नहीं खुले बल्कि दोनों के दिल भी मिल चुके.” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ”बिहार में बहार आएगी लेकिन ये राज्य अभी बदहाली के कगार पर है.

‘चिराग पासवान की पार्टी को तोड़ने का काम हुआ था’

प्रियंका चतुर्वेदी ने चिराग पासवान और जीतन राम मांझी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ”ये भी नहीं भूलना चाहिए कि वही चिराग पासवान, जब रामविलास पासवान जी का दुखद निधन हुआ था, उसके बाद कैसे उन्हें घर से बेदखल करते हुए उनके पक्ष को तोड़ने का काम किया गया था. जीतन राम मांझी जो नीतीश कुमार के साथ थे, अब बीजेपी के साथ आए और 10 सीट के लिए भी रो रहे हैं. ये तो बीजेपी की रणनीति रही है कि किसी के कंधे पर चढ़कर मजबूत बनते हैं और फिर उन्हीं कंधों को खत्म करने का काम करते हैं.” 

बिहार में NDA में आपस में तालमेल नहीं- प्रियंका चतुर्वेदी

महाराष्ट्र में हमने ये देखा है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ क्या हुआ. शिवसेना जिस तरीके से हर सुख दुख में, कमजोर या मजबूत वक्त में उनके साथ खड़ी रही थी, इन्होंने जाकर पींठ में खंजर घोंपने का काम किया. इसलिए इनके यहां पर आपसी मतभेद बने हुए हैं और आपस में तालमेल नहीं हो पा रहा है. मैं उम्मीद करती हूं कि बिहार की जनता ये दिखेगी कि किस तरीके से ये आपस में सत्ता को बांटने में विश्वास रखते हैं न कि विकास के काम को बढ़ाने में भरोसा रखते हैं.”

AZMI DESK

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