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सेंट स्टीफन्स कॉलेज पर तीन गुना फीस वसूलने का आरोप, DU ने मांगा जवाब


दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) से संबद्ध सेंट स्टीफन्स कॉलेज एक नए विवाद में घिर गया है. आरोप है कि कॉलेज ने इस सत्र (2025–26) में अपने पहले वर्ष के छात्रों से ‘DU फीस’ के नाम पर वास्तविक राशि से लगभग तीन गुना ज्यादा पैसे वसूले हैं. छात्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कॉलेज की फीस नोटिस में अधिकतर कोर्सों के लिए ‘DU फीस’ 11,551 रुपये से 11,630 रुपये के बीच बताई गई है.

जबकि यूनिवर्सिटी की आधिकारिक हिस्सेदारी केवल 3,300 रुपये से 3,350 रुपये सालाना है. यानी, प्रत्येक छात्र से लगभग 7,600 रुपये अधिक वसूले गए. कॉलेज में लगभग 400 छात्रों के दाखिले के आधार पर यह राशि करीब 30 लाख रुपये बैठती है.

सेंट स्टीफन्स कॉलेज के छात्रों का क्या है आरोप?

कई छात्रों ने एबीपी न्यूज़ से पहचान गुप्त रखने की शर्त्त पर बात करते हुए बताया कि यह फीस कॉलेज की वेबसाइट पर दी गई नोटिस के अनुसार जमा करवाई गई है, छात्रों का कहना है कि उन्हें बताया गया कि ‘DU फीस’ विश्वविद्यालय के पोर्टल पर और ‘कॉलेज फीस’ कॉलेज में दाखिला लेने के बाद अलग से देनी होगी. इस डुअल पेमेंट सिस्टम के चलते एक साधारण बीए या बीएससी कोर्स का खर्च लगभग 30,000 रुपये प्रति सेमेस्टर तक पहुंच गया है.

हम कॉलेज को नोटिस भेजेंगे- डीयू रजिस्ट्रार

दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रोफेसर विकास गुप्ता ने कहा कि यूनिवर्सिटी को इस व्यवस्था की पहले से कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने कहा, ” “हमें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी. हम कॉलेज को नोटिस भेजेंगे और उनसे पूरी जानकारी मांगेंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय किसी भी कोर्स के लिए 3,350 रुपये से ज़्यादा शुल्क नहीं लेता. हम जांच करेंगे और कॉलेज से विवरण मंगाएंगे. फीस सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल पर जमा की जाती है ” 

‘यूनिवर्सिटी की निर्धारित फीस को बढ़ाकर दिखाना गलत’

प्रो. गुप्ता ने आगे बताया, ”यूनिवर्सिटी की नीति के अनुसार, सभी कॉलेजों को पहले वर्ष की फीस का पूरा विवरण DU पोर्टल पर अपलोड करना होता है. जब छात्र पोर्टल पर फीस जमा करते हैं, तो विश्वविद्यालय अपने हिस्से की राशि काटकर बाकी रकम कॉलेज को भेजता है. कॉलेजों की Statutory Body को अपनी फीस तय करने का अधिकार तो होता है, लेकिन यूनिवर्सिटी की निर्धारित फीस को बढ़ाकर दिखाना नियमों का उल्लंघन है और फिलहाल इस मामले में जांच हो सकती है.”

अब गवर्निंग बॉडी और UGC करेंगे हस्तक्षेप

DU के सूत्रों के अनुसार, यह मामला अब यूनिवर्सिटी की गवर्निंग बॉडी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के पास भेजा जा सकता है. विश्वविद्यालय यह जांच करेगा कि कॉलेज ने फीस संरचना में किसी तरह का उल्लंघन तो नहीं किया और अगर किया है, तो छात्रों से ली गई अतिरिक्त राशि क्या वक्त आने पर लौटाई जाएगी या नहीं.

कॉलेज प्रशासन चुप, प्रिंसिपल से नहीं मिला जवाब

ABP न्यूज़ ने इस मामले पर सेंट स्टीफन्स कॉलेज प्रशासन और कॉलेज के प्रिंसिपल जॉन वर्गीज़ से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. कॉलेज की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण भी जारी नहीं किया गया है.

डीयू और स्टीफन्स कॉलेज में मतभेद!

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब सेंट स्टीफन्स कॉलेज और दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीच पहले से ही नियमों और स्वायत्तता को लेकर मतभेद चल रहे हैं. कॉलेज अपने अल्पसंख्यक दर्जे का हवाला देकर कई बार अपनी अलग प्रक्रियाएं लागू करता रहा है, जबकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि सभी संबद्ध कॉलेजों को एक समान नियमों का पालन करना चाहिए.

AZMI DESK

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