Explained: बीजेपी 12 सीटों पर क्यों हारी, किन पार्टियों को मिले नोटा से ज्यादा वोट, जानिए 8 जरूरी सवालों के जवाब

14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए. इसमें NDA ने रिकॉर्ड 202 सीटों पर जीत दर्ज की, तो वहीं महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. जनसुराज का तो खाता ही नहीं खुला. चुनाव तो पूरे हो गए, अब मन में चुनावी सवाल जरूर उछाल मार रहे होंगे कि कितनी पार्टियां सीटें जीत पाईं, तो कितनी पार्टियों को नोटा से ज्यादा वोट मिला. और भी बहुत कुछ…
तो आइए ABP एक्सप्लेनर में बिहार चुनाव से जुड़े 8 जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं…
सवाल 1- कुल कितनी पार्टियां सीटें जीतने में कामयाब रहीं?
जवाब- कुल 12 पार्टियां विधानसभा में सीटें जीतने में कामयाब रही. NDA गठबंधन की 5 पार्टियों ने मिलकर 202 सीटें जीतीं. महागठबंधन की 5 पार्टियों ने 35 सीटें जीतीं. AIMIM ने अकेले 5 सीटें जीतीं. वहीं, एक भी निर्दलीय उम्मीदवार का खाता नहीं खुला.
| पार्टियां | कितनी सीटों पर चुनाव लड़ा | कितनी सीटें जीतीं |
| बीजेपी | 101 | 89 |
| जदयू | 101 | 85 |
|
LJP-RV
|
29 | 19 |
| HAM | 10 | 5 |
|
RLSP
|
8 | 4 |
| राजद | 141 | 25 |
| कांग्रेस | 61 | 6 |
|
CPI-ML
|
22 | 2 |
|
CPI-M
|
5 | 1 |
|
IIP
|
3 | 1 |
|
AIMIM
|
29 | 5 |
|
निर्दलीय
|
1 | 0 |
सवाल 2- जनसुराज ने कितनी सीटों पर खेल खराब किया और किसका किया?
जवाब- जनसुराज पार्टी ने कुल 238 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, उसमें से 233 सीटों मतलब 98% सीटों पर जमानत जब्त हो गई. 6 साल में 6 CM बनवाने वाला ये शख्स जब खुद बिहार जीतने निकला तो एक भी सीट नहीं जीत पाया. जनसुराज का कुल वोट शेयर सिर्फ 3.5% रहा. 1 करोड़ से ज्यादा सदस्यों का दावा करने वाली जनसुराज पार्टी को महज 10 लाख 92 हजार वोट मिले.
पार्टी एक सीट मढ़ौरा पर दूसरे नंबर तक पहुंच पाई. वह भी तब जब NDA के प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया था. जनसुराज ने सबसे ज्यादा नुकसान महागठबंधन को पहुंचाया, खासकर राजद और कांग्रेस को. ECI के डेटा के मुताबिक कम से कम 22 सीटों पर जनसुराज के वोट काटने से NDA को सीधा फायदा हुआ.
उदाहरण से समझें तो मोकामा सीट पर जनसुराज के उम्मीदवार प्रियदर्शी पीयूष तीसरे नंबर पर रहे, उन्हें 19,365 वोट मिले. विजेता जदयू के अनंत सिंह थे, जिन्हें 91,216 वोट मिले. मार्जिन 28,206 वोटों का था. राजद की वीणा देवी दूसरे नंबर पर रहीं, उन्हें 63,210 वोट मिले. यहां जनसुराज ने राजद के वोट काटे, जिससे जदयू को आसान जीत मिली.
एनालिस्ट्स का कहना है कि बिना जनसुराज के राजद का मार्जिन कम हो सकता था. जनसुराज के करीब 4% वोट शेयर ने राजद की स्ट्राइक रेट को 18% तक गिरा दिया.
सवाल 3- AIMIM ने कैसे राजद और जदयू को पछाड़ दिया?
जवाब- AIMIM ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और 1.9% वोट शेयर के साथ 5 सीटें जीतीं, जो सीमांचल क्षेत्र की हैं. यह इलाका मुस्लिम बहुल है, जिसमें किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले आते हैं. AIMIM ने मुस्लिम वोट को एकजुट करके राजद और जदयू दोनों को हराया.
- अमौर सीट पर अख्तरुल इमान ने जदयू की सबा जफर को 38,928 वोटों से हराया.
- जोकीहाट सीट पर मोहम्मद मुरशिद आलम ने जदयू के मंजर आलम को 28,803 वोटों से मात दी.
- कोचाधामन सीट पर एमडी सरवर आलम ने राजद के मुजाहिद आलम को 23,021 वोटों से शिकस्त दी.
- बहादुरगंज सीट पर तौसीफ आलम ने कांग्रेस के मसव्वर आलम को 28,726 वोटों से हराया.
- बायसी सीट पर गुलाम सरवर ने बीजेपी के विनोद कुमार को 27,251 वोटों से हराया.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजद ने 15 साल में मुस्लिमों के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए वोट बंट गया. इससे राजद को 8 से 10 सीटों का नुकसान हुआ और जदयू को 5 से 7 सीटें गंवानी पड़ीं.
सवाल 4- कैसे राजद ने मुश्किल से लीडर ऑफ अपॉजिशन (LOP) बचाया?
जवाब- बिहार विधानसबा के नियमों के अनुसार, लीडर ऑफ अपॉजिशन (LOP) का पद सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को मिलता है, लेकिन इसके लिए उस पार्टी को कुल सीटों (243) का कम से कम 10% यानी 25 सीटें जीतना जरूरी होता है, ताकि विधानसभा में मजबूत आवाज बनी रहे. अगर कोई विपक्षी पार्टी 25 सीटों से कम रह जाती है, तो LOP का पद खाली रह सकता है या गठबंधन स्तर पर फैसला होता है.
इस चुनाव में महागठबंधन को कुल 35 सीटें मिलीं, जिसमें राजद की हिस्सेदारी ठीक 25 सीटों की है. यह संख्या 2020 के चुनाव की 75 सीटों से बहुत कम है लेकिन राजद ने महत्वपूर्ण सीटें बचाकर 25 सीटों का आंकड़ा छू लिया. राजद की यह मुश्किल जीत मुख्य रूप से उसके कोर वोट बैंक मुस्लिम-यादव (MY) के एकजुट रहने से हुई. राजद ने 143 सीटों पर चुनाव लड़ा और 25 जीतीं, जिसमें स्ट्राइक रेट सिर्फ 17.48% रहा. वोट शेयर 23% था, लेकिन वोट बंटने से सीटें कम रहीं.
तेजस्वी यादव ने अपनी रघोपुर सीट पर 14,532 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की. यहां उन्होंने बीजेपी के सतीश कुमार को हराया, जहां तेजस्वी को 88,321 वोट मिले, वहीं सतीश को 73,789 वोट मिले. यह जीत राजद के लिए प्रतीकात्मक थी, क्योंकि रघोपुर राजद का मजबूत गढ़ रहा है.
एक और महत्वपूर्ण सीट रघुनाथपुर थी, जहां शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने जदयू के विकास कुमार सिंह को 9,248 वोटों से हराया. ओसामा को 88,278 वोट मिले. फतुहा पर रामानंद यादव ने जदयू को 11,203 वोटों से हराया. इन सीटों पर आखिरी घंटों में वोट गिनती ने राजद को राहत दी.
सवाल 5- बीजेपी ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा, 12 सीटें किससे हारी?
जवाब- बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव में ठीक 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन पार्टी ने कुल 89 सीटें जीतीं, जो उसका अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. इसका स्ट्राइक रेट 88.12% रहा, जो 2020 के 67% से काफी बेहतर है. बीजेपी का वोट शेयर 20.08% था, जो 2020 के 19.46% से थोड़ा ऊपर है. लेकिन 12 सीटों पर हार हुई, जो मुख्य रूप से महागठबंधन की पार्टियों- राजद (8 सीटें), कांग्रेस (1 सीट) और AIMIM (3 सीटें) से हुईं. ये हारें यादव-मुस्लिम बहुल इलाकों और सीमांचल क्षेत्र में हुईं, जहां वोट बंटवारे ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया. ये हारें आखिरी राउंडों की गिनती में पक्की हुईं.
सवाल 6- कितनी पार्टियां नोटा से ज्यादा वोट लाईं?
जवाब- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नोन ऑफ द अबव (नोटा) को कुल 6,65,870 वोट मिले, जो कुल वैलिड वोटों का 1.81% है. यह 2020 के 1.68% से थोड़ा ज्यादा है, लेकिन 2015 के 2.48% से काफी कम है. कुल 9 पार्टियां नोटा से ज्यादा वोट शेयर हासिल करने में कामयाब रहीं. ये पार्टियां मुख्य रूप से NDA और महागठबंधन की बड़ी पार्टियां हैं…
| पार्टियां | वोट शेयर (%) |
| राजद | 23% |
| बीजेपी | 20.08% |
| जदयू | 19.26% |
| कांग्रेस | 8.71% |
|
LJP-RV
|
4.97% |
| जनसुराज | 3.50% |
|
CPI-ML
|
2.00% |
|
HAM
|
1.18% |
| RLM | 1.03% |
AIMIM का वोट शेयर 1.40% रहा, जो नोटा से कम है. अन्य छोटी पार्टियां जैसे CPI(M) 0.45%, BSP 0.3% से कम और आजसू 0.2% से कम रहा, जो नोटा से नीचे है. जनसुराज का 3.50% वोट शेयर नोटा से ज्यादा है, लेकिन पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली.
सवाल 7- वोट शेयर लीडर कौन रहा?
जवाब- वोट शेयर में राजद 23% वोट शेयर के साथ सबसे आगे रहा, जो करीब 71 लाख 85 हजार वोट बनता है. इसके बाद बीजेपी 20.08% पर, जदयू 19.26% पर, कांग्रेस 8.71%, LJP(RV) 4.97%, जनसुराज 3.50%, CPI(ML) 2.00%, नोटा 1.81%, और AIMIM 1.40% पर रही. NDA का कुल वोट शेयर 46.52% रहा, जबकि महागठबंधन का 37.64%. राजद के पास वोट सबसे ज्यादा थे, लेकिन सीटें कम इसलिए गिनीं क्योंकि उसके वोट बिखरे हुए थे, जबकि NDA के वोट ज्यादा एकजुट थे.
सवाल 8- किस पार्टी का कितना स्ट्राइक रेट रहा?
जवाब- स्ट्राइक रेट जीती सीटें को लड़ी सीटों से डिवाइड देकर 100 से मल्टीप्लाय करने पर मिलता है…
| पार्टियां | स्ट्राइक रेट |
| राजद | 17.73% |
| बीजेपी | 88.12% |
| जदयू |
|
| कांग्रेस | 9.84% |
|
LJP-RV
|
65.52% |
| जनसुराज | 00.00% |
|
CPI-ML
|
9.09% |
|
HAM
|
50.00% |
| AIMIM | 17.24% |
| RLSP | 50.00% |
| CPI-M | 20.00% |
| IIP | 33.33% |



